Columbus

कर्नाटक में RSS पर बैन? प्रियांक खड़गे ने CM सिद्धारमैया को लिखा पत्र

कर्नाटक में RSS पर बैन? प्रियांक खड़गे ने CM सिद्धारमैया को लिखा पत्र

कर्नाटक के आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी स्कूल, कॉलेज और मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। भाजपा ने इसे राजनीतिक आरोप बताते हुए विरोध जताया।

बेंगलुरु: कर्नाटक के आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक पार्कों और सरकारी मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि आरएसएस अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों और युवाओं में ब्रेनवॉश और अशांति फैला रहा है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को निर्देश दिए हैं और उचित कार्रवाई का आदेश दिया है।

RSS पर प्रतिबंध की मांग

प्रियांक खड़गे ने पत्र में कहा कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों, सार्वजनिक पार्कों, खेल के मैदानों और पुरातात्विक स्थलों में आरएसएस की शाखाओं, बैठकों या सभाओं को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनके अनुसार, संगठन नफरत के बीज बो रहा है और कार्यकर्ता पुलिस अनुमति लिए बिना सार्वजनिक स्थानों पर लाठी और हथियार ले जाते हैं।

उन्होंने कहा, "हमें सरकारी मैदानों और सार्वजनिक स्थलों का इस्तेमाल उनके सामूहिक ब्रेनवॉश के लिए नहीं करना चाहिए। अगर उनका दर्शन अच्छा होता, तो भाजपा नेताओं के बच्चे इसमें क्यों शामिल नहीं होते?"

भाजपा ने प्रस्तावित प्रतिबंध पर किया विरोध

इस कदम का भाजपा ने विरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने कहा कि यह आरएसएस की बढ़ती लोकप्रियता के प्रति कांग्रेस की असहिष्णुता को दर्शाता है। उनका दावा है कि आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा अनुशासनहीनता का कोई उदाहरण नहीं है और संगठन एक दृढ़ राष्ट्रवादी ताकत बना हुआ है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि कुछ जगहों पर आरएसएस के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने से कोई खास बदलाव नहीं आएगा।

प्रियांक खड़गे के बयान

प्रियांक खड़गे ने स्पष्ट किया कि आरएसएस की गतिविधियां युवाओं का ब्रेनवॉश करती हैं और संविधान के विरुद्ध हैं। उन्होंने कहा कि संगठन समाज के गरीब और कमजोर वर्ग को अपने दर्शन के लिए प्रयोग करता है, जबकि अपने सिद्धांतों का पालन स्वयं नहीं करता।

उन्होंने आरएसएस के तरीकों की आलोचना करते हुए कहा, "वे कहते हैं 'हिंदू खतरे में है, बच्चा ज्यादा पैदा करो', लेकिन खुद कुंवारे रहते हैं। उनकी यह गतिविधि संविधान और समाज के लिए हानिकारक है।"

Leave a comment