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कर्नाटक में RSS पर नहीं लगाया प्रतिबंध! मोहन भागवत के बयान के बाद सिद्धारमैया ने दी सफाई

कर्नाटक में RSS पर नहीं लगाया प्रतिबंध! मोहन भागवत के बयान के बाद सिद्धारमैया ने दी सफाई

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। यह बयान उस समय आया जब संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने संघ के रजिस्ट्रेशन और कानूनी स्थिति पर अपने विचार रखे।

Siddaramaiah On RSS Ban: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के हालिया फैसलों ने यह संकेत दिया है कि सीएम सिद्धारमैया का ध्यान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों की ओर केंद्रित हो गया है। शुरुआत में, सरकार ने कर्मचारियों के लिए आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद, मंत्री प्रियांक खरगे की सिफारिश पर सार्वजनिक स्थलों पर सभा या कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य कर दी गई।

सरकारी आदेशों की कड़ी के तहत स्कूल और कॉलेजों में संघ की गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया गया। इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संघ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर दी। इस साल आरएसएस अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा है, और इन आदेशों से संगठन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस नेताओं ने आरएसएस के रजिस्ट्रेशन पर भी सवाल उठाए हैं, जिससे विवाद और बढ़ गया है।

कर्नाटक सरकार के आदेश और विवाद

कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों के लिए आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होने पर अवरुद्ध आदेश दिया। इसके अलावा, मंत्री प्रियांक खरगे की मांग पर सार्वजनिक स्थलों पर सभा या कार्यक्रम करने के लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य कर दी गई। इसके साथ ही स्कूल और कॉलेजों में संघ की गतिविधियों पर भी नियंत्रण का आदेश जारी किया गया।

इन कदमों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी। इस बीच संघ की 150वीं वर्षगांठ पर यह विवाद और बढ़ गया।

RSS ने दिया करारा जवाब

सिद्धारमैया सरकार के आदेशों के बाद ऐसा संदेश गया कि कर्नाटक में कांग्रेस आरएसएस की गतिविधियों को रोकना चाहती है। संघ ने इस पर सीधे विरोध नहीं जताया, लेकिन इसके नेताओं ने सख्त प्रतिक्रिया दी। आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संगठन पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता कि कोई ऐसा चाहता है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने पहले तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हर बार कोर्ट ने संघ को वैध संस्था मानते हुए प्रतिबंध समाप्त कर दिया।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस का काम संविधान के दायरे में है और संगठन गैरकानूनी नहीं है, इसलिए रजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 1925 में संघ की स्थापना हुई थी, तब क्या हमें ब्रिटिश सरकार से रजिस्ट्रेशन लेना पड़ता? भागवत ने यह भी कहा कि हिंदू धर्म तो रजिस्टर्ड नहीं है, फिर भी यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब भारत को आज़ादी मिली तो कई गैर-रजिस्टर्ड संगठनों को कानूनी मान्यता दी गई, और उसी श्रेणी में संघ भी आता है।

सिद्धारमैया ने कांग्रेस पर चुटकी

मोहन भागवत के बयान के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ किया कि कर्नाटक सरकार ने RSS पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेजों को लेकर जारी आदेश में संघ का नाम विशेष रूप से नहीं लिया गया है। सिद्धारमैया ने आगे कहा कि नए आदेश में वही नियम दोहराए गए हैं जो बीजेपी सरकार (2013 में जगदीश शेट्टार के कार्यकाल) के दौरान लागू थे।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने बताया कि कई माता-पिता और छात्रों ने आइडियोलॉजिक एक्टिविटी की शिकायत की थी। इन शिकायतों के बाद शासन ने आदेश जारी किया।

 

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