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क्या प्रीमियम पेट्रोल से सच में बढ़ता है कार का माइलेज? जानें जरूरी बातें

क्या प्रीमियम पेट्रोल से सच में बढ़ता है कार का माइलेज? जानें जरूरी बातें

प्रीमियम पेट्रोल का इस्तेमाल आम कारों में माइलेज या परफॉर्मेंस बढ़ाने में ज्यादा फर्क नहीं डालता। रेगुलर E20 पेट्रोल लगभग समान ऑक्टेन और इथेनॉल स्तर के साथ सुरक्षित विकल्प है। हाई-परफॉर्मेंस या पुरानी कारों के लिए 100 RON पेट्रोल उपयोगी हो सकता है, क्योंकि यह इथेनॉल-फ्री और इंजन फ्रेंडली होता है।

Petrol: आमतौर पर कार मालिक सोचते हैं कि प्रीमियम पेट्रोल डालने से माइलेज बढ़ता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह हर कार में जरूरी नहीं। 2020 के बाद बनी ज्यादातर कारें E20 रेगुलर पेट्रोल पर आसानी से चल सकती हैं, क्योंकि इसमें ऑक्टेन रेटिंग 95-98 RON और इथेनॉल का स्तर लगभग बराबर है। प्रीमियम पेट्रोल में इंजन क्लीनिंग एडिटिव्स मिलते हैं, लेकिन माइलेज या परफॉर्मेंस में बहुत मामूली अंतर आता है। 100 RON पेट्रोल खासकर हाई-परफॉर्मेंस और पुरानी कारों के लिए फायदेमंद है।

प्रीमियम और रेगुलर पेट्रोल में अंतर

2020 में भारत में BS6 नियम लागू होने के बाद पेट्रोल की न्यूनतम ऑक्टेन रेटिंग 88 RON से बढ़ाकर 91 RON कर दी गई। वर्तमान में रेगुलर E20 पेट्रोल की ऑक्टेन रेटिंग लगभग 95 से 98 RON तक होती है। वहीं, प्रीमियम पेट्रोल जैसे XP95 या Power95 में भी लगभग यही ऑक्टेन रेटिंग होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि प्रीमियम पेट्रोल में इंजन क्लीन रखने वाले एडिटिव्स शामिल होते हैं।

ग्राहक चाहे तो 100 RON वाला पेट्रोल भी ले सकते हैं, जो ज्यादातर इथेनॉल-फ्री होता है, लेकिन यह पेट्रोल रेगुलर पेट्रोल से लगभग ₹60 प्रति लीटर महंगा होता है। ऐसे पेट्रोल की जरूरत सिर्फ उन कारों को होती है जिनके इंजन के लिए हाई-ऑक्टेन फ्यूल जरूरी है।

कौन-सी कार में कौन-सा पेट्रोल डालें

प्रीमियम या हाई-ऑक्टेन पेट्रोल आमतौर पर स्पोर्ट्स या हाई-परफॉर्मेंस कारों के लिए बनाया जाता है। इन कारों में इंजन का कम्प्रेशन रेशियो अधिक होता है, जिससे हाई-ऑक्टेन फ्यूल से इंजन स्मूथ चलता है और प्रदूषण कम होता है।

अगर आपकी कार सामान्य है और हाई-ऑक्टेन की जरूरत नहीं है, तो प्रीमियम पेट्रोल डालने से न तो माइलेज बढ़ेगा और न ही परफॉर्मेंस। कुछ मामलों में यह फ्यूल इकॉनमी घटा भी सकता है। रेगुलर E20 पेट्रोल में लगभग 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मौजूद होता है, जो इंजन को थोड़ा जंग लगने से बचाता है।

RON और इथेनॉल का महत्व

RON (Research Octane Number) यह बताता है कि पेट्रोल कितना कम्प्रेशन झेल सकता है बिना खुद-ब-खुद जलने के। उच्च RON वाले फ्यूल देर से जलते हैं और हाई-परफॉर्मेंस इंजनों के लिए बेहतर माने जाते हैं। इथेनॉल पेट्रोल में नमी खींचने की क्षमता रखता है, जिससे लंबे समय तक स्टोर करने पर पेट्रोल में पानी जम सकता है और ऑक्टेन घट सकता है।

100 RON वाले पेट्रोल में लगभग कोई इथेनॉल नहीं होता। यह पेट्रोल लंबे समय तक स्टोर होने के लिए बनाया जाता है और इसमें इंजन को कम नुकसान पहुंचाने वाली विशेषताएं होती हैं।

कौन-सी कार में 100 RON पेट्रोल जरूरी है

100 RON पेट्रोल पुरानी कारों के लिए और उन कारों के लिए जरूरी है जिनके फ्यूल सिस्टम इथेनॉल को झेल नहीं सकते। इसके अलावा, हाई-परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स कारों के लिए XP100 जैसे 100 RON पेट्रोल बेहतर माना जाता है। यह नॉन-कोर्रोसिव, इथेनॉल-फ्री और ज्यादा ऊर्जा वाला फ्यूल होता है, जो इंजन को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है।

किस पेट्रोल से क्या लाभ मिलता है

रेगुलर E20 पेट्रोल सामान्य कारों के लिए पर्याप्त है। इसमें ऑक्टेन रेटिंग 95-98 RON होती है और इसमें मौजूद इथेनॉल इंजन को साफ रखता है। प्रीमियम पेट्रोल में एडिटिव्स मिलाए जाते हैं, जो इंजन क्लीन रखने में मदद करते हैं। लेकिन इससे माइलेज या परफॉर्मेंस में ज्यादा अंतर नहीं आता।

100 RON पेट्रोल का इस्तेमाल सिर्फ उन कारों में फायदेमंद है जिन्हें उच्च-ऑक्टेन फ्यूल की जरूरत है। इसमें इथेनॉल नहीं होता और यह इंजन के पार्ट्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है।

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