बिहार चुनाव में चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) ने अपने चार उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी एनडीए में 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और बाकी प्रत्याशियों के नाम जल्द घोषित होंगे।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चिराग पासवान की पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची तैयार कर ली है। पार्टी की योजना के अनुसार, पहली सूची बुधवार दोपहर 2 बजे और दूसरी सूची शाम 5 बजे जारी की जाएगी।
एलजेपी (रामविलास) एनडीए गठबंधन के तहत 29 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक, 27 सीटों पर पहले ही उम्मीदवार तय किए जा चुके हैं, जबकि दो सीटों पर उम्मीदवारों के नाम अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। चिराग पासवान ने यह भी स्पष्ट किया कि जेडीयू और अन्य सहयोगी दलों के साथ किसी तरह का मतभेद नहीं है, और सीटों का बंटवारा पूरी तरह से संतुलित है।
किस उम्मीदवार को किस सीट से मिला सिंबल
एलजेपी ने अपने प्रमुख नेताओं को उम्मीदवार घोषित करते हुए सिंबल भी बांटे हैं। इसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, महासचिव संजय पासवान, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडे, और चिराग पासवान के भांजे सीमांत मृणाल शामिल हैं।
राजू तिवारी गोविंदगंज, सीमांत मृणाल गरखा (सुरक्षित), संजय पासवान बखरी (सुरक्षित), और हुलास पांडे ब्रह्मपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। सीमांत मृणाल धनंजय पासवान के बेटे हैं और उन्हें हाल ही में नीतीश सरकार द्वारा राज्य एससी आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
कुछ सीटों पर अभी भी असमंजस
एलजेपी को एनडीए से आवंटित कुल 29 सीटों में कई ऐसी सीटें हैं जो फिलहाल जेडीयू या अन्य सहयोगी दलों की सिटिंग सीटें हैं। यही कारण है कि इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी तक नहीं की गई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही इन सीटों की स्थिति स्पष्ट होगी, बाकी प्रत्याशियों की सूची तुरंत जारी कर दी जाएगी।
चिराग पासवान का कहना है कि पार्टी इस चुनाव में युवा और नए चेहरों को मौका देने पर जोर दे रही है, ताकि बिहार विधानसभा में एलजेपी का प्रभाव और मजबूत हो।
एनडीए गठबंधन में LJP की स्थिति
एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम निर्णय पहले ही ले लिया गया है, हालांकि कुछ सीटों पर हलचल अभी भी बनी हुई है। चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि एलजेपी (रामविलास) बिहार में एनडीए का मजबूत चेहरा बनेगी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि एलजेपी के उम्मीदवारों के चयन में रणनीति यह रही है कि जितनी संभव हो सके फ्रेंडली फाइट हो, यानी गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ टकराव कम से कम हो और सीटों का संतुलन बना रहे।