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लोकसभा ने पास किया Indian Ports Bill 2025: देश के पोर्ट सेक्टर में आएगा बदलाव

लोकसभा ने पास किया Indian Ports Bill 2025: देश के पोर्ट सेक्टर में आएगा बदलाव

लोकसभा ने Indian Ports Bill, 2025 पास कर दिया है, जिसका उद्देश्य देश के पोर्ट सेक्टर को आधुनिक और समन्वित बनाना है। बिल में केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन, Maritime State Development Council, स्टेट मैरीटाइम बोर्ड्स, पर्यावरण और सुरक्षा मानकों के प्रावधान शामिल हैं। इससे निवेश, लॉजिस्टिक्स और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट कारोबार में पारदर्शिता और गति बढ़ेगी।

नई दिल्ली: लोकसभा ने मंगलवार को Indian Ports Bill, 2025 पास किया, जो देश के सभी पोर्ट्स के लिए लंबी अवधि की योजना और रणनीतिक विकास सुनिश्चित करेगा। बिल में Maritime State Development Council की स्थापना, स्टेट मैरीटाइम बोर्ड्स के माध्यम से पोर्ट प्रबंधन, पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का पालन, अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप कामकाज और विवाद समाधान के लिए Dispute Resolution Committees शामिल हैं। इससे पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल-टाइम डेटा शेयरिंग और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।

इंटीग्रेटिड पोर्ट और केंद्र-राज्य सहयोग

भारतीय पोर्ट सेक्टर में सुधार और आधुनिकरण को ध्यान में रखते हुए Indian Ports Bill, 2025 लाया गया है। इस बिल के तहत देश के सभी बंदरगाहों को एक इंटीग्रेटेड पोर्ट सिस्टम में शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करना है, जिससे पोर्ट ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर का दीर्घकालिक विकास सुचारू रूप से हो सके।

इस कदम से पोर्ट्स की संचालन क्षमता बढ़ेगी, लॉजिस्टिक्स सेक्टर में निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी, और निवेशकों के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। इसके अलावा, पोर्ट्स में आधुनिक सुविधाओं और तकनीकी सुधारों के जरिए निर्यात और आयात कारोबार को बेहतर बनाया जा सकेगा।

Maritime State Development Council का गठन

बिल के तहत Maritime State Development Council (MSDC) का निर्माण किया जाएगा। यह एक सलाहकार निकाय होगा, जो केंद्र और राज्य सरकारों को पोर्ट ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स, कार्गो हैंडलिंग और अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर मार्गदर्शन देगा। MSDC वास्तविक समय (real-time) डेटा जैसे कार्गो वॉल्यूम, जहाज यातायात, कनेक्टिविटी और क्षमता के आधार पर सुझाव प्रस्तुत करेगा।

MSDC की मदद से नीति निर्माण और निर्णय लेने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयोचित होगी। इससे पोर्ट्स के संचालन में सुधार आएगा और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में दक्षता बढ़ेगी। इसके अतिरिक्त, MSDC अंतरराष्ट्रीय मानकों और आधुनिक पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के अनुपालन में भी मार्गदर्शन करेगा।

State Maritime Boards और राज्य स्तर पर सुधार

इस बिल के तहत सभी तटीय राज्यों को State Maritime Boards बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये बोर्ड पोर्ट मैनेजमेंट, प्रशासन और संचालन को एक समान ढांचे के तहत संचालित करेंगे। इसके अलावा, प्रमुख बंदरगाहों के अलावा अन्य छोटे पोर्ट्स के लिए राज्य स्तर पर Dispute Resolution Committees का गठन किया जाएगा।

ये कमेटियां पोर्ट प्राधिकरण, कंसेशनर्स और यूज़र्स के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों का शीघ्र और निष्पक्ष निपटारा करेंगी। कमेटियों के फैसलों के खिलाफ अपील संबंधित उच्च न्यायालय में की जा सकेगी। इस प्रकार, पोर्ट सेक्टर में सुनियोजित और त्वरित विवाद समाधान सुनिश्चित होगा।

पर्यावरण, सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानक

बिल में पर्यावरण सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण, आपदा प्रबंधन, नेविगेशन और डेटा मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी पोर्ट ऑपरेशन सुरक्षित, पारदर्शी और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों।

भारत जिन अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधियों का हिस्सा है, उनका पालन अब अनिवार्य होगा। इससे देश के पोर्ट सेक्टर की वैश्विक विश्वसनीयता बढ़ेगी और भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सुरक्षित और कुशल पोर्ट हब के रूप में उभरेगा।

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