मैक्सिको के ओक्साका तट पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि तुर्किए के बालिकेसिर प्रांत में 6.1 तीव्रता के झटकों से एक की मौत और कई घायल हुए। दोनों क्षेत्र भूकंप-प्रवण हैं और प्लेटों की हलचल इसका मुख्य कारण है।
Earthquake Update: रविवार, 10 अगस्त को धरती ने एक बार फिर अपनी ताकत का एहसास कराया। मैक्सिको और तुर्किए – दो अलग-अलग महाद्वीपों के ये देश – लगभग एक ही दिन में भूकंप के तेज झटकों से कांप उठे। दोनों जगह लोगों में डर और अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला, हालांकि मैक्सिको में जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन तुर्किए में हालात कुछ ज्यादा गंभीर रहे।
मैक्सिको में 5.7 तीव्रता का झटका
मैक्सिको के दक्षिणी हिस्से में स्थित ओक्साका तट के पास रविवार को रिक्टर पैमाने पर 5.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र (GFZ) के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र समुद्र तल से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर चियापास और आसपास के तटीय क्षेत्रों तक महसूस किया गया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए। कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति थोड़े समय के लिए बाधित रही, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई।
'रिंग ऑफ फायर' की मार
मैक्सिको भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील देशों में गिना जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है इसका भौगोलिक स्थान। यह देश प्रशांत महासागर के 'रिंग ऑफ फायर' नामक इलाके में स्थित है, जहां भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियां आम बात हैं।
'रिंग ऑफ फायर' वह क्षेत्र है जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है और यहां कई टेक्टोनिक प्लेट्स – जैसे पैसिफिक प्लेट, नॉर्थ अमेरिकन प्लेट और रिवेरा प्लेट – एक-दूसरे से टकराती और खिसकती रहती हैं। प्लेटों के इस सतत आंदोलन से ऊर्जा का संचय होता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में बाहर निकलती है।
पिछले महीने भी आए थे झटके
यह पहली बार नहीं है कि मैक्सिको इस साल भूकंप से कांपा हो। 19 जुलाई को चियापास इलाके में 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जबकि 20 जुलाई को 4.2 तीव्रता के झटकों ने लोगों को डरा दिया था। उस दिन कई बार धरती हिली, जिससे लोग पूरी रात सतर्क रहे।
तुर्किए में 6.1 तीव्रता का भूकंप, एक की मौत
मैक्सिको से हजारों किलोमीटर दूर, यूरोप और एशिया की सीमा पर बसे तुर्किए में भी रविवार को धरती ने जोरदार झटका दिया। उत्तर-पश्चिमी प्रांत बालिकेसिर में रिक्टर पैमाने पर 6.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
तुर्किए के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (AFAD) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र सिंदिरगी जिले में था और यह शाम 7 बजकर 53 मिनट पर आया। झटके इतने तेज थे कि कई पुरानी इमारतें जमींदोज हो गईं। गृह मंत्री अली येरलिकाया ने पुष्टि की कि 81 वर्षीय एक बुजुर्ग को बचाने के बाद उनकी मौत हो गई। इसके अलावा, कई लोग घायल हुए और 15 से अधिक इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना मिली है।
दोनों देशों की भौगोलिक संवेदनशीलता
मैक्सिको और तुर्किए, दोनों ही देश भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं, लेकिन इसके कारण अलग-अलग हैं। जहां मैक्सिको 'रिंग ऑफ फायर' की वजह से भूकंप-प्रवण है, वहीं तुर्किए यूरेशियन और अरबी टेक्टोनिक प्लेट्स की जंक्शन पर स्थित है। यहां प्लेटों की हलचल अक्सर विनाशकारी भूकंप को जन्म देती है।
भूकंप से निपटने की चुनौतियां
विशेषज्ञ मानते हैं कि भूकंप से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है – मजबूत और लचीले इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण। मैक्सिको सिटी और इस्तांबुल जैसे बड़े शहरों में इमारतों के निर्माण मानकों को भूकंपरोधी बनाने की दिशा में काम हो रहा है, लेकिन ग्रामीण और छोटे कस्बों में अभी भी कई पुरानी संरचनाएं हैं, जो हल्के झटकों में भी गिर सकती हैं। साथ ही, जनता में भूकंप के समय सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी बढ़ाना भी जरूरी है। जैसे – खुले स्थान पर जाना, बिजली के खंभों और पुराने पेड़ों से दूर रहना, और मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लेना।
पड़ोसी देशों में भी खतरा
मैक्सिको और तुर्किए में हालिया भूकंप ने यह याद दिलाया है कि यह खतरा केवल इन देशों तक सीमित नहीं है। भारत, नेपाल, पाकिस्तान और चीन भी ऐसे इलाकों में स्थित हैं, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल से बड़े भूकंप आने की संभावना हमेशा बनी रहती है। पिछले वर्षों में इन देशों ने भी कई बार भूकंप का सामना किया है, जिससे हजारों लोगों की जान गई और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।