मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट से बरी हुईं साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें झूठे बयान देने का दबाव बनाया गया और कस्टडी में प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कांग्रेस, परमबीर सिंह और ATS पर आरोप लगाए।
Sadhvi Pragya: मालेगांव 2008 ब्लास्ट केस में लंबे समय तक आरोपी रहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हाल ही में विशेष एनआईए अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इसके बाद भोपाल लौटते ही उन्होंने मीडिया से खुलकर बातचीत की और अपनी चुप्पी तोड़ी।
कोर्ट से बरी होने के बाद साध्वी का पहला बयान
भोपाल एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें जांच एजेंसियों ने गलत जानकारी फैलाने के लिए मजबूर किया था। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उनका आरोप है कि यह प्रताड़ना सिर्फ एक-दो दिन की नहीं, बल्कि 24 दिनों तक चली।
ATS और पुलिस अफसरों पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप
साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि उन्हें जांच के दौरान कई बड़े नेताओं के नाम जबरन लेने के लिए कहा गया। इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार के नाम शामिल थे। साध्वी ने दावा किया कि जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें बेरहमी से टॉर्चर किया गया।
परमबीर सिंह को बताया 'निकृष्ट व्यक्ति'
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर साध्वी ने सीधा निशाना साधा और कहा कि उन्होंने कानून की सभी सीमाएं पार करते हुए उन्हें प्रताड़ित किया। साध्वी ने कहा, "वो अधिकारी के पद पर रहने लायक नहीं हैं। उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।"
'भगवा आतंकवाद' पर साध्वी का जवाब
भगवा आतंकवाद शब्द पर प्रतिक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "कौन कहता है कि आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता? अगर आतंकवाद का रंग है तो वो भगवा नहीं हो सकता। भगवा ज्ञान, त्याग और तपस्या का प्रतीक है।"
उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसी घटनाएं, जहां लोगों को धर्म पूछकर मारा गया, ये आतंकवाद का असली चेहरा हैं। साध्वी के मुताबिक, आतंकवाद का रंग अगर किसी ने देखा है तो वह हरा है, न कि भगवा।
कांग्रेस पर साधा निशाना
साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने वोटबैंक की राजनीति के चलते मुस्लिम तुष्टिकरण किया और इसके तहत हिंदुओं को कुचलने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने जानबूझकर भगवा को आतंकवाद से जोड़ने का कुचक्र रचा ताकि हिंदुत्व की छवि धूमिल की जा सके।"
एनआईए कोर्ट का फैसला
2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके में कई लोगों की मौत हुई थी। इस केस में साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। वर्षों तक चली सुनवाई के बाद हाल ही में एनआईए कोर्ट ने सबूतों की कमी के चलते साध्वी प्रज्ञा को बरी कर दिया।
रिहाई के बाद पहली बार भोपाल पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा
एनआईए कोर्ट के फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा पहली बार भोपाल पहुंचीं। यहां उन्होंने मीडिया के सामने अपने ऊपर बीते वर्षों की घटनाएं साझा कीं और कहा कि उन्हें फंसाया गया था। उन्होंने कहा, "मैं निर्दोष थी, लेकिन मुझसे जबरदस्ती झूठ बुलवाने की कोशिश की गई। मैंने इनकार किया, इसलिए मुझे टॉर्चर किया गया।"