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मिस इंडिया इंटरनेशनल बनीं रूश सिंधु, नागपुर में हुआ शाही स्वागत

मिस इंडिया इंटरनेशनल बनीं रूश सिंधु, नागपुर में हुआ शाही स्वागत

नागपुर की रूश सिंधु ने मिस इंडिया इंटरनेशनल 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। लौटने पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और फूलों से भव्य स्वागत हुआ। नवंबर में वह जापान में होने वाली मिस इंटरनेशनल 2025 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

मनोरंजन: नागपुर की बेटी रूश सिंधु ने मिस इंडिया इंटरनेशनल 2025 का ताज अपने नाम किया है। खिताब जीतने के बाद जब वह गृहनगर लौटीं तो एयरपोर्ट पर ढोल-नगाड़ों, फूलों की वर्षा और जयकारों के बीच उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। नागपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूश ने मीडिया को संबोधित किया और भावुक होकर इसे अपने जीवन का सबसे खूबसूरत पल बताया। नवंबर 2025 में वह जापान में होने वाली मिस इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

एयरपोर्ट पर दिखा जश्न का माहौल

डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रूश के स्वागत के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। ढोल-नगाड़ों की गूंज, फूलों की मालाएं और समर्थकों के जयकारों ने माहौल को और खास बना दिया। परंपरागत अंदाज में स्वागत होते ही रूश भावुक हो गईं और उन्होंने मुस्कुराकर सबका अभिवादन किया। यह पहली बार था जब जीत के बाद वह नागपुर लौटी थीं और अपने शहर के इस अपार प्यार से अभिभूत दिखीं।

प्रेस क्लब में मीडिया से हुई मुलाकात

नागपुर आगमन के बाद रूश सिंधु ने नागपुर प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उनके साथ मिस यूनिवर्स इंडिया के मानद निदेशक निखिल आनंद भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान रूश ने अपनी यात्रा, संघर्ष और सपनों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है।

नागपुर की बेटी, दिल्ली की राह

रूश सिंधु का जन्म और पालन-पोषण नागपुर के राजनगर इलाके में हुआ। वह आर्किटेक्ट परशन सिंह की बेटी हैं। स्कूलिंग नागपुर में पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया और मॉडलिंग को करियर के रूप में चुना। दिल्ली ने ही उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रनवे की दुनिया से जोड़ा। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने जल्दी ही पहचान बना ली।

मॉडलिंग से किताब तक का सफर

रूश सिंधु केवल मॉडलिंग तक सीमित नहीं हैं। वह एक लेखिका भी हैं। उन्होंने "यूनिवर्स विदिन पीस" नामक किताब लिखी है, जिसमें आत्म-चिंतन और भावनात्मक उपचार पर जोर दिया गया है। यह किताब युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हुई है और उनके व्यक्तित्व के संवेदनशील पहलू को सामने लाती है।

रूश ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने "मोरालाइज मेंटल हेल्थ एसोसिएशन" नामक गैर-सरकारी संगठन की स्थापना की। इस पहल के तहत उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त चिंता मूल्यांकन, सहायता समूह सत्र और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। उनके प्रयासों को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ ने भी सम्मानित किया।

अभिनय और सौंदर्य प्रतियोगिता से जुड़ाव

रूश का मनोरंजन जगत से रिश्ता बहुत पुराना है। महज चार साल की उम्र में उन्होंने एक टीवी विज्ञापन से अपना सफर शुरू किया था। बचपन में ही उन्होंने अपनी पहली सौंदर्य प्रतियोगिता जीत ली थी। धीरे-धीरे यह जुनून पेशे में बदल गया और आज वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।

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