प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में CCEA ने भारतीय रेलवे के 894 किमी नई पटरियों के लिए 24,634 करोड़ रुपये मंजूर किए। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में मल्टीट्रैकिंग से लॉजिस्टिक दक्षता और परिचालन क्षमता बढ़ेगी।
रतलाम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने भारतीय रेलवे के लिए चार राज्यों में नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसके तहत 24,634 करोड़ रुपये की लागत से 894 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी।
यह परियोजना महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने में मदद करेगी। नई पटरियों के माध्यम से रेलवे का संचालन और माल परिवहन दोनों ही तेज और सुचारू होंगे।
चार प्रमुख मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मिली मंजूरी
रेल मंत्रालय ने इस योजना के तहत चार बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन, महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के बीच गोंदिया-डोंगरगढ़ में 84 किलोमीटर चौथी लाइन, गुजरात-मध्य प्रदेश के बीच वडोदरा-रतलाम में 259 किलोमीटर तीसरी और चौथी लाइन, और मध्य प्रदेश में इटारसी-भोपाल-बीना के बीच 237 किलोमीटर चौथी लाइन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से लगभग 3,633 गांवों और 8.5 मिलियन से अधिक आबादी को प्रत्यक्ष लाभ होगा।
परिचालन क्षमता और माल ढुलाई में बढ़ोतरी
नई रेल पटरियों से भारतीय रेलवे की परिचालन क्षमता बढ़ेगी और भीड़भाड़ कम होगी। इससे कोयला, कंटेनर, सीमेंट, खाद्यान्न और इस्पात जैसी वस्तुओं का परिवहन अधिक सुरक्षित और तेज होगा।
रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इन नई लाइनों से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी। इससे देश के उद्योग और व्यापारिक क्षेत्र को सतत लाभ मिलेगा और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ेगी।
यात्री सुविधाओं में सुधार
मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से न केवल माल परिवहन बल्कि यात्रियों की सुविधा भी बढ़ेगी। नई पटरियों के बनने से ट्रेन की समयबद्धता में सुधार होगा और भीड़भाड़ कम होगी। इससे लंबी दूरी की यात्राओं में आसानी होगी और यात्री अनुभव बेहतर होगा।
साथ ही, इन परियोजनाओं के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बल मिलेगा। क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क और कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
मल्टीट्रैकिंग परियोजना 2030-31 तक पूरी होगी
नई मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को 2030-31 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण और लॉजिस्टिक क्षमता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
यह कदम न केवल रेलवे के परिचालन और माल परिवहन को बेहतर बनाएगा बल्कि देश के औद्योगिक और व्यापारिक क्षेत्र के लिए भी मददगार साबित होगा।