रुक्मणी देवी गर्ग एग्रो इंपेक्स का आईपीओ ₹99 पर आया था, लेकिन लिस्टिंग पर शेयर ₹79.20 से खुलकर गिरकर ₹75.24 पर पहुंच गया, जिससे निवेशकों को पहले ही दिन 24% का नुकसान हुआ। IPO के जरिए जुटाए गए ₹23.52 करोड़ में से ₹16.5 करोड़ वर्किंग कैपिटल और बाकी आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
Rukmani Devi Garg Agro Impex IPO Listing: रुक्मणी देवी का IPO 26-30 सितंबर को ₹23.52 करोड़ के लिए खुला था और 29.59 गुना सब्सक्राइब हुआ। कंपनी के शेयर ₹99 पर जारी हुए थे, लेकिन BSE SME पर ₹79.20 पर लिस्ट होकर टूटकर ₹75.24 पर पहुंच गए, जिससे निवेशकों को 24% का नुकसान हुआ। IPO से जुटाए गए पैसों में मुख्य रूप से ₹16.5 करोड़ वर्किंग कैपिटल और बाकी सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए खर्च किए जाएंगे।
PO लिस्टिंग पर शॉक
IPO के तहत रुक्मणी देवी गर्ग एग्रो इंपेक्स के शेयर ₹99 के भाव पर जारी किए गए थे। लेकिन आज शेयर की लिस्टिंग ₹79.20 पर हुई। शुरुआत में ही शेयर टूटकर ₹75.24 के लोअर सर्किट पर पहुंच गया। इसका मतलब है कि निवेशक पहले दिन ही लगभग 24% घाटे में हैं। इस गिरावट ने उन निवेशकों को हैरान कर दिया जिन्होंने आईपीओ में पैसे लगाए थे और शुरुआती लिस्टिंग पर उम्मीदें लगाई थीं।
IPO सब्सक्रिप्शन का विवरण
कंपनी के IPO में अलग-अलग निवेशकों ने जोरदार भागीदारी दिखाई। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित हिस्सा 8.24 गुना सब्सक्राइब हुआ, नॉन-इंस्टिट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 77.12 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 39.73 गुना भरा। इस IPO के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले कुल 23.76 लाख नए शेयर जारी किए गए।
IPO से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल
IPO से मिले कुल फंड का बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने में खर्च किया जाएगा। लगभग ₹16.5 करोड़ वर्किंग कैपिटल के लिए और बाकी राशि सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों में उपयोग की जाएगी। इस फंड से कंपनी अपनी संचालन क्षमता को बढ़ाने और व्यापार को विस्तार देने की योजना बना रही है।
कंपनी का व्यवसाय और नेटवर्क
रुक्मणी देवी गर्ग एग्रो इंपेक्स 1998 में स्थापित हुई। यह राजस्थान और मध्य प्रदेश में फैले 500 से अधिक एजेंट्स के माध्यम से गेहूं, सरसों, धनिया, मक्का, अलसी और सोयाबीन खरीदती है। खरीदे गए अनाज को कंपनी देश-विदेश के बाजारों में बेचती है। कंपनी के पास 20 हजार टन की क्षमता वाले दो अपने वेयरहाउस हैं और दो अतिरिक्त वेयरहाउस लीज पर लिए गए हैं। इसके अलावा रिटको में 3500 टन की प्रोसेसिंग क्षमता भी है।
कंपनी के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में 118 डीलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल हैं। प्रोसेस्ड गेहूं की बिक्री शरबती, हैपी फैमिली और ताजमहल ब्रांड के नाम से होती है। यह नेटवर्क कंपनी को बाजार में मजबूती और पहुंच प्रदान करता है।
वित्तीय स्थिति
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन लगातार मजबूत रहा है। वित्त वर्ष 2023 में शुद्ध मुनाफा ₹47 लाख रहा, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹5.02 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹7.57 करोड़ हो गया। टोटल इनकम में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। वित्त वर्ष 2023 में यह ₹248.50 करोड़ थी, वित्त वर्ष 2024 में ₹245.02 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹327.32 करोड़ हो गई।
कंपनी पर कर्ज की स्थिति भी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023 के अंत में कर्ज ₹25.13 करोड़ था, वित्त वर्ष 2024 के अंत में ₹26.84 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 के अंत में ₹49.21 करोड़ हो गया। रिजर्व और सरप्लस में भी वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023 में यह ₹13.34 करोड़ था, वित्त वर्ष 2024 में ₹18.36 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹25.93 करोड़ पर पहुंच गया।