सावन की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा पूरे जोश के साथ शुरू हो गई है, लेकिन मुजफ्फरनगर में पहले ही दिन एक मामूली घटना ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। जिले के शिव चौक इलाके में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब कांवड़ को हल्की सी टक्कर लगने पर नाराज़ कांवड़ियों ने बाइक सवार युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसकी मोटरसाइकिल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
बाइक की टक्कर से भड़के कांवड़िए
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शिव चौक पर यात्रा के दौरान एक कांवड़ को बाइक से मामूली टक्कर लग गई। इसके बाद गुस्साए कांवड़ियों ने बाइक सवार युवक को घेर लिया और मारपीट करने लगे। यही नहीं, भीड़ ने युवक की मोटरसाइकिल को भी नुकसान पहुंचाया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
पुलिस क्षेत्राधिकारी राजू कुमार साव ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर युवक को भीड़ से सुरक्षित बाहर निकाला और कांवड़ियों को समझा-बुझाकर शांत किया। फिलहाल हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।
योगी सरकार सख्त
सावन के महीने में हर साल लाखों कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर अपने-अपने शहरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने निकलते हैं। 11 जुलाई से शुरू हुए इस पवित्र माह में प्रदेशभर में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उपद्रव फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कब से शुरू हुआ सावन
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई गई। इसके अगले दिन यानी 11 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो गया है, जो 9 अगस्त तक चलेगा। पंचांग के मुताबिक आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 11 जुलाई को रात 2:06 बजे शुरू होकर 12 जुलाई को रात 2:08 बजे तक रहेगी।
इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे, जो शिवभक्तों के लिए बेहद खास माने जाते हैं। ऐसे में हरिद्वार, काशी, उज्जैन सहित देशभर के प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। प्रशासन ने मंदिरों, कांवड़ मार्गों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।