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ट्रम्प का एशिया दौरा: शी जिनपिंग से होगी अहम मुलाकात, क्या तय होंगे बड़े सौदे?

ट्रम्प का एशिया दौरा: शी जिनपिंग से होगी अहम मुलाकात, क्या तय होंगे बड़े सौदे?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले सप्ताह एशिया दौरे पर जा रहे हैं, जिसमें मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। दौरे का मुख्य आकर्षण शी जिनपिंग से उनकी बैठक होगी, जिसमें अमेरिका-चीन व्यापार, टैरिफ, हाई-टेक चिप्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ट्रम्प इस दौरे में सौदेबाजी के अपने कौशल की परीक्षा देंगे।

US China relations: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुक्रवार रात वॉशिंगटन से एशिया दौरे पर रवाना होंगे, जो मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया तक फैला है। दौरे का मुख्य उद्देश्य चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से व्यापार, टैरिफ और उच्च तकनीक चिप्स समेत कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है। ट्रम्प मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे और जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मुलाकात करेंगे। यह दौरा ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल का अब तक का सबसे लंबा विदेशी दौरा होगा।

एशिया दौरे का कार्यक्रम

ट्रम्प शुक्रवार रात वॉशिंगटन से रवाना होंगे। उनका यह पांच दिन का दौरा मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया तक फैला रहेगा। ट्रम्प पहले मलेशिया जाएंगे, जहां रविवार से शुरू होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में वे थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर का हिस्सा बन सकते हैं। इसके बाद ट्रम्प जापान जाएंगे, जहां नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची से मुलाकात होगी। जापान दौरे में ट्रम्प अमेरिका में 550 अरब डॉलर निवेश की योजना को लेकर बातचीत करेंगे।

दक्षिण कोरिया में ट्रम्प की सबसे अहम बैठक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी। यह बैठक बुसान शहर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन के दौरान होगी। इस मुलाकात में अमेरिका-चीन के बीच व्यापार, तकनीक और खनिज संसाधनों से जुड़ी कई अहम चर्चाएं होने की उम्मीद है।

अमेरिका-चीन व्यापार में तनाव

वॉशिंगटन और बीजिंग ने एक-दूसरे के निर्यात पर टैरिफ बढ़ा रखे हैं और अब महत्वपूर्ण खनिजों और तकनीक के व्यापार को पूरी तरह रोकने की धमकी भी दी जा रही है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के अनुसार, ट्रम्प-शी मुलाकात औपचारिक नहीं होगी, लेकिन कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी।

विश्लेषकों का कहना है कि किसी बड़े समझौते की उम्मीद कम है। संभावित अंतरिम समझौते में कुछ टैरिफ में राहत, मौजूदा दरों का विस्तार या चीन द्वारा अमेरिकी सोयाबीन और बोइंग हवाई जहाज की नई खरीदारी की प्रतिबद्धता शामिल हो सकती है। बदले में अमेरिका चीन को कुछ हाई-टेक चिप्स की सप्लाई बढ़ाने की अनुमति दे सकता है। हालांकि, अगर बातचीत सफल नहीं हुई तो ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि 1 नवंबर से चीन के आयात पर टैरिफ 155 प्रतिशत तक बढ़ा दिए जाएंगे।

अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

ट्रम्प और शी जिनपिंग की बैठक में ताइवान और रूस से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। अमेरिकी अधिकारी बताते हैं कि बैठक का मुख्य फोकस चीन के व्यापार, निर्यात नियंत्रण और रूस से तेल खरीद पर रहेगा। इसके अलावा ट्रम्प मलेशिया और भारत के साथ भी व्यापार सौदे करने की कोशिश करेंगे। दक्षिण कोरिया के साथ पहले से बनी डील को और मजबूत करने की योजना है। हालांकि, दक्षिण कोरिया ट्रम्प की अमेरिकी कंपनियों में निवेश और विदेशी मजदूरों के मुद्दे को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।

ट्रम्प की विदेश नीति और एशिया में संदेश

ट्रम्प इस यात्रा के जरिए अपने दूसरे कार्यकाल की बड़ी विदेश नीति उपलब्धियों को बनाए रखने की कोशिश करेंगे। इसमें इजरायल-गाजा संघर्ष में कराई गई अस्थायी शांति भी शामिल है। इसके साथ ही ट्रम्प अपने डील मेकिंग कौशल को दिखाने की कोशिश करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि यह दौरा ट्रम्प के लिए एशिया में अमेरिका की स्थिति मजबूत करने और चीन के साथ संतुलन बनाए रखने का अवसर है।

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