शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड हाउसों की गतिविधियों पर नजर रखने वालों के लिए जून 2025 का महीना कई बड़े बदलाव लेकर आया। इस बार फंड मैनेजरों ने अपनी निवेश रणनीति में बड़ा फेरबदल किया है। कुछ पुराने भरोसेमंद सेक्टर्स से दूरी बनाई गई है और कुछ नए क्षेत्रों में जमकर पैसा डाला गया है। खास बात यह रही कि इस बार मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में म्यूचुअल फंड्स की दिलचस्पी अधिक देखने को मिली।
NBFC और कंज्यूमर सेक्टर पर बड़ा दांव
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक म्यूचुअल फंड्स ने जून महीने में NBFC, रिटेल, हेल्थकेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और टेलीकॉम सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है। NBFC में निवेश का प्रतिशत 5.3 से बढ़कर 5.6 हो गया है। रिटेल सेक्टर में निवेश 2.6 से 2.9 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में निवेश 2.1 से बढ़कर 2.5 प्रतिशत हो गया है।
हेल्थकेयर और टेलीकॉम की वापसी
हेल्थकेयर सेक्टर में अब 7.4 प्रतिशत की भागीदारी है, जो पिछले कुछ महीनों में सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है। टेलीकॉम सेक्टर में निवेश 3.5 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो करीब पांच सालों में सबसे ज्यादा है।
टेक्नोलॉजी और प्राइवेट बैंकों से कम दिलचस्पी
इस बार फंड मैनेजरों ने प्राइवेट बैंकों और आईटी सेक्टर से कदम पीछे खींचे हैं। प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर में निवेश मई के 18.4 प्रतिशत से घटकर जून में 17.9 प्रतिशत रह गया। टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी गिरावट दर्ज की गई और निवेश घटकर 8.1 प्रतिशत पर आ गया है।
इन्हें मिला सबसे ज्यादा भरोसा: टॉप 10 स्टॉक्स
- Bharti Airtel – टेलीकॉम सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी में निवेशकों ने भरोसा दिखाया है।
- Asian Paints – कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के क्षेत्र में मजबूत दखल रखने वाली यह कंपनी म्यूचुअल फंड्स की पसंदीदा बनी हुई है।
- Reliance Industries – एनर्जी और कंज्यूमर दोनों सेगमेंट में मौजूदगी के कारण यह शेयर फिर से फोकस में है।
- HDFC Bank – भले ही प्राइवेट बैंकिंग से दूरी बन रही हो, लेकिन HDFC Bank में आंशिक रूप से खरीदारी जारी है।
- Vishal Mega Mart – रिटेल सेक्टर की इस कंपनी में निवेश को बढ़ावा मिला है।
- REC (Rural Electrification Corporation) – कैपिटल गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी में निवेशकों की रुचि बढ़ी है।
- Jindal Stainless – मिडकैप स्पेस में इस कंपनी को प्राथमिकता दी गई है।
- APL Apollo – निर्माण क्षेत्र में काम करने वाली इस कंपनी में अच्छा निवेश देखने को मिला है।
- Linde India – स्पेशलिटी केमिकल्स से जुड़ी इस कंपनी को भी फंड हाउसों का समर्थन मिला है।
- Balrampur Chini Mills – एग्रो और केमिकल्स सेगमेंट में काम करने वाली यह कंपनी स्मॉलकैप में टॉप फेवरेट रही।
किन शेयरों में आई बिकवाली
Infosys और HCL Technologies जैसे आईटी दिग्गजों में म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी घटाई है। वहीं, Trent और Persistent Systems जैसे मिडकैप शेयरों में भी कुछ कटौती देखने को मिली है। स्मॉलकैप शेयरों में Nazara Technologies, Dalmia Bharat Sugar और Tejas Networks में भी निवेश घटा है।
सेक्टर वाइज भागीदारी की तस्वीर
BSE 200 इंडेक्स की तुलना में हेल्थकेयर, केमिकल्स, कैपिटल गुड्स, रिटेल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी ज्यादा है। वहीं, टेक्नोलॉजी, यूटिलिटीज, प्राइवेट बैंकिंग, कंज्यूमर स्टेपल और ऑयल एंड गैस में कम निवेश दिखा है।
SIP निवेश में आया उछाल
जून में SIP (Systematic Investment Plan) के जरिये निवेश भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। मई में जहां इक्विटी में 201 अरब रुपये का निवेश हुआ था, वहीं जून में यह आंकड़ा बढ़कर 246 अरब रुपये हो गया। इसका सीधा असर इक्विटी AUM पर पड़ा, जो 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 36.6 लाख करोड़ रुपये हो गया।
निफ्टी में बढ़ी हिस्सेदारी
म्यूचुअल फंड्स ने जून में निफ्टी 50 के करीब 48 प्रतिशत, मिडकैप 100 के 56 प्रतिशत और स्मॉलकैप 100 के 65 प्रतिशत शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। यह दर्शाता है कि निवेश अब बड़े शेयरों से निकलकर मिड और स्मॉल कैप की ओर बढ़ रहा है।