उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के मामले ने राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। इस विवाद पर मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में 'बाबावाद' तेजी से फैल रहा है और लोग बिना समझे-समझाए ऐसे फर्जी बाबाओं के जाल में फंस रहे हैं। शास्त्री ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे ढोंगी बाबाओं के चक्कर में न पड़ें, जो धर्मगुरु का वेश धरकर समाज को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, गलत बाबाओं के चक्कर में मत पड़ो, हमारे चक्कर में भी मत पड़ो। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है और इस विवाद को लेकर जनमानस में बहस भी तेज हो गई है।
भारत में बाबावाद की बढ़ती समस्या
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान छांगुर बाबा पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि एक बाबा ने धर्म के नाम पर सैकड़ों महिलाओं का शोषण किया और लगभग 3000 हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कर उन्हें मुस्लिम बना दिया। उन्होंने कहा कि बाबाओं की आड़ में धोखाधड़ी और गलत काम बढ़ रहे हैं। शास्त्री ने कहा, भारत में बाबावाद एक गंभीर समस्या बन चुका है, जहां लोग बिना सोच-समझे इन बाबाओं के चक्कर में फंस जाते हैं। हमें बाबाओं से नहीं, आपसे कहना है कि किसी गलत के चक्कर में मत पड़िए। उनके इस बयान ने छांगुर बाबा विवाद को और भी गहराई दी है और लोगों को सतर्क रहने का संदेश दिया है।
बाबाओं के चक्कर में न पड़ने की अपील
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ऐसे किसी के चक्कर में पड़ोगे तो वह न सिर्फ खुद भ्रष्ट होगा, बल्कि तुम्हें भी भ्रष्ट कर देगा। भगवान करे सब कुछ टूट जाए, लेकिन किसी का भरोसा न टूटे। उन्होंने भक्तों से कहा, बाबाओं के चक्कर में मत पड़ो, बाला जी के चक्कर में पड़ो, लेकिन हमारे चक्कर में भी मत पड़ो। शास्त्री का यह कड़ा संदेश खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अंधविश्वास या विश्वासघात के शिकार हो सकते हैं। यह बयान हाल ही में सामने आए फर्जी बाबाओं के मामलों की पृष्ठभूमि में एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
छांगुर बाबा कौन हैं?
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर हिंदू लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप है। वह फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि छांगुर ने धर्मांतरण के लिए जाति-वार टारगेट तय किए थे। जांच के मुताबिक ब्राह्मण और क्षत्रिय लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपये, ओबीसी वर्ग के लिए 10-12 लाख रुपये और एससी-एसटी वर्ग की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये की दरें निर्धारित थीं।
पुलिस का दावा है कि यह अवैध धार्मिक रैकेट संगठित रूप से चल रहा था और उसे विदेशों से भी वित्तीय सहायता मिल रही थी। यह खुलासा इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है और संकेत देता है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क काफी व्यापक था।