बीजेपी नेतृत्व वाले NDA ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 के लिए सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए के पास बहुमत से ज्यादा वोट हैं, जबकि इंडी गठबंधन अभी उम्मीदवार तय नहीं कर पाया है।
Vice President Election 2025: भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, इस सवाल का जवाब 9 सितंबर 2025 को मिल जाएगा। बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सीपी राधाकृष्णन का नाम घोषित किया है। वहीं इंडी गठबंधन (INDI Alliance) ने अब तक उम्मीदवार तय नहीं किया है। मौजूदा हालात में एनडीए का गणित मजबूत दिखाई दे रहा है। लेकिन राजनीति में समीकरण कब बदल जाएं, यह कहना मुश्किल है।
NDA का उम्मीदवार कौन हैं सीपी राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वह तमिलनाडु के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बीजेपी संगठन में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वह 1998 और 1999 में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रहे। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष भी बने और पार्टी को राज्य में मजबूत करने में योगदान दिया। अब उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि पार्टी विपक्ष से भी बात करेगी ताकि चुनाव निर्विरोध हो सके।
उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है। चुनाव प्रक्रिया में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं। कुल 786 सांसदों को वोटिंग का अधिकार है। इसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। हालांकि इस समय छह सीटें रिक्त हैं। चुनाव में जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 349 वोटों की ज़रूरत होती है।
एनडीए के पास कितना संख्या बल
- लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं। इनमें से एक सीट (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल) फिलहाल खाली है। ऐसे में प्रभावी संख्या 542 है। इनमें से एनडीए के पास 293 सांसद हैं।
- राज्यसभा में कुल 245 सीटें होती हैं, लेकिन चार सीटें जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब की सीट रिक्त है। इस तरह प्रभावी संख्या 240 है। इसमें एनडीए के पास लगभग 129 सांसदों का समर्थन है।
- अगर दोनों सदनों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो एनडीए के पास लगभग 422 वोट होने का अनुमान है। यह संख्या बहुमत से काफी अधिक है। यानी मौजूदा हालात में सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
विपक्ष की स्थिति
इंडी गठबंधन ने अब तक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। विपक्षी खेमे में इस बात पर चर्चा है कि क्या कोई साझा उम्मीदवार उतारा जाए या फिर चुनाव से दूरी बनाई जाए। अगर विपक्ष एकजुट होकर भी उम्मीदवार खड़ा करता है, तो उसके पास एनडीए को हराने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।
निर्विरोध चुनाव की संभावना
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि हम विपक्ष से बातचीत करेंगे। अगर विपक्ष उम्मीदवार नहीं उतारता तो यह चुनाव निर्विरोध भी हो सकता है। भारत में पहले भी उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के कई चुनाव बिना किसी मुकाबले के हुए हैं। अगर विपक्ष चुनाव से पीछे हट जाता है तो सीपी राधाकृष्णन निर्विरोध उपराष्ट्रपति बन जाएंगे। यह न सिर्फ बीजेपी बल्कि तमिलनाडु के लिए भी गर्व की बात होगी।
संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 68(2) के अनुसार, अगर किसी कारण से उपराष्ट्रपति का पद खाली हो जाता है तो छह महीने के भीतर नया चुनाव कराना अनिवार्य है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले भी इस्तीफा या अन्य कारणों से पद रिक्त हो सकता है।