Columbus

Neem Karoli Baba का चमत्कार आग से सुरक्षित निकले नोट, देखने वाले रह गए हैरान

Neem Karoli Baba का चमत्कार आग से सुरक्षित निकले नोट, देखने वाले रह गए हैरान

उत्तराखंड के कैंची धाम आश्रम के संत नीम करौली बाबा के एक चमत्कार ने सभी को हैरान कर दिया था। एक साधु के सामने बाबा ने आग में डाले हुए नोट सही-सलामत बाहर निकाले। इस घटना ने न केवल साधु को झकझोर दिया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि धन इंसान की सेवा के लिए है, अहंकार के लिए नहीं।

Neem Karoli Baba: उत्तराखंड के नैनीताल जिले स्थित कैंची धाम आश्रम में नीम करौली बाबा से जुड़ी एक अद्भुत घटना आज भी लोगों की आस्था को गहराई से छूती है। बाबा से मिलने आए एक साधु ने आश्रम की संपन्नता पर सवाल उठाया, जिसके जवाब में बाबा ने आग में डाले गए नोट सही-सलामत निकालकर उसे जीवन का सबक दिया। इस चमत्कार के जरिए बाबा ने समझाया कि सच्चा संत धन का त्याग नहीं, बल्कि उसका सही उपयोग करना जानता है।

नीम करौली बाबा के कैंची धाम में हुआ अनोखा प्रसंग

उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में स्थित नीम करौली बाबा का कैंची धाम आश्रम आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रमुख केंद्र है। बाबा को उनके अनुयायी हनुमान जी का अवतार मानते हैं। हर दिन यहां देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। बाबा के जीवन से जुड़ी कई घटनाएं ऐसी हैं, जो भक्तों के लिए आज भी रहस्य और आस्था का प्रतीक हैं।

इन्हीं चमत्कारों में से एक घटना उस समय की है जब एक साधु बाबा से मिलने आश्रम पहुंचा। उसने आश्रम की संपन्नता देखकर मन में असंतोष प्रकट किया और बाबा से सवाल किया कि एक संत के पास इतना धन और वैभव कैसे हो सकता है।

जब नीम करौली बाबा ने आग से निकाले नोट

बाबा ने साधु के मन की बात समझ ली और उसे शिक्षा देने का निश्चय किया। उन्होंने साधु की जेब से कुछ पैसे निकाले और आग की सिगड़ी में डाल दिए, जहां वे अपने हाथ सेक रहे थे। यह देखकर साधु क्रोधित हो उठा और बोला कि आपने धन को क्यों जलाया?

तब बाबा ने शांत स्वर में कहा कि “ये माया मेरे लिए नहीं, मेरे भक्तों की सेवा के लिए है।” फिर बाबा ने चिमटे से उसी जलती आग में से सही-सलामत नोट बाहर निकाले, जिन्हें देखकर साधु हैरान रह गया। इस घटना के बाद साधु ने बाबा को नमन किया और समझा कि सच्चे संत के लिए धन सिर्फ साधन है, साध्य नहीं।

बाबा के चमत्कार से मिली जीवन की शिक्षा

इस घटना से बाबा ने एक गहरा संदेश दिया कि धन (माया) की अहमियत जरूरत तक सीमित रहनी चाहिए। जब व्यक्ति धन का गुलाम बन जाता है, तो वह आध्यात्मिक शांति से दूर चला जाता है। नीम करौली बाबा का यह चमत्कार सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक नहीं, बल्कि जीवन को सही दृष्टि से देखने की प्रेरणा भी देता है।

बाबा के भक्त मानते हैं कि उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी उनके जीवनकाल में थीं। उनके अनुसार, सेवा और सरलता ही सच्चे भक्ति मार्ग के आधार हैं।

Neem Karoli Baba की यह कहानी हमें सिखाती है कि भक्ति का असली अर्थ भौतिक संपन्नता नहीं, बल्कि मन की पवित्रता और संतुलन है। बाबा के चमत्कार आज भी करोड़ों लोगों के विश्वास को मजबूती देते हैं।

Leave a comment