प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट किया कि काउंटर मशीन से नाम जप करना पूरी तरह सुरक्षित है और इससे आध्यात्मिक लाभ कम नहीं होता। माला जप के साथ जुड़ी अनुशासन और नियमों का महत्व अलग है, लेकिन मुख्य ध्यान नियमित और मन लगाकर नाम जप करना होना चाहिए। महाराज ने कहा कि उपकरण केवल गिनती का माध्यम हैं, लाभ का स्रोत व्यक्ति की भक्ति है।
Premanand Maharaj: हाल ही में एक प्रवचन में प्रेमानंद महाराज ने भक्तों को बताया कि काउंटर मशीन से नाम जप करना माला जप की तुलना में पूरी तरह सुरक्षित और स्वीकार्य है। महाराज ने समझाया कि नाम जप का असली लाभ व्यक्ति के ध्यान और भक्ति से जुड़ा है, न कि उपकरण से। माला जप अनुशासन और 108 बार जाप के नियमों के साथ आता है, जबकि काउंटर मशीन आधुनिक जीवनशैली के अनुकूल लचीलापन देती है।
काउंटर मशीन से नाम जप की वैधता
हाल ही में एक प्रवचन में प्रेमानंद महाराज से भक्तों ने सवाल किया कि क्या माला जप के समान लाभ काउंटर मशीन से नाम जप करने में भी मिलता है। महाराज जी ने स्पष्ट किया कि नाम जप का लाभ जुबान और इंद्रियों के ध्यान से जुड़ा है, न कि माला या काउंटर से। इसलिए काउंटर मशीन का उपयोग करने में कोई हानि नहीं है। यह केवल गिनती का माध्यम है और माला के स्थान पर उपयोग किया जा सकता है।
महाराज ने यह भी बताया कि अगर कोई व्यक्ति माला का उपयोग नहीं कर सकता, जैसे ऑफिस या यात्रा में, तो काउंटर के साथ नाम जप करना पूरी तरह सुरक्षित और लाभदायक है। मुख्य ध्यान यह है कि व्यक्ति नियमित और मन लगाकर नाम जप करे।
माला जप का महत्व और नियम
प्रेमानंद महाराज ने माला जप के अपने महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि तुलसी माला का विशेष महत्व है क्योंकि माला के माध्यम से व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित करके भगवान के नाम में पूरी तरह डूबा रहता है। माला जप के नियमों में 108 बार जाप करना शामिल है, जो आध्यात्मिक अनुशासन का हिस्सा है।
हालांकि, महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि काउंटर मशीन के साथ नाम जप करते समय नियम अधिक कठोर नहीं हैं। यदि कोई बीच में काम या बाधा के कारण जाप रोक देता है, तो बाद में दोबारा से शुरू किया जा सकता है। यह लचीलापन इसे आधुनिक जीवनशैली के अनुकूल बनाता है।
काउंटर का उद्देश्य और सही अभ्यास
महाराज ने बताया कि काउंटर या माला खुद कल्याण नहीं करेंगे; यह केवल यह दर्शाता है कि आपने कितनी बार नाम जप किया। व्यक्ति का पूरा ध्यान और भक्ति ही वास्तविक लाभ प्रदान करती है। उन्होंने भक्तों को सलाह दी कि माला जाप की अनुमति होने पर उसका उपयोग करें, लेकिन अगर माला उपलब्ध नहीं है तो काउंटर मशीन पूरी तरह से स्वीकार्य है।
इस तरह, आधुनिक समय में सुविधाजनक उपकरणों के उपयोग से आध्यात्मिक अभ्यास में बाधा नहीं आती। महाराज का संदेश स्पष्ट है: खूब नाम जप करें, इससे कोई हानि नहीं है।
प्रेमानंद महाराज का यह संदेश बताता है कि आध्यात्मिक लाभ के लिए अनुशासन, ध्यान और नियमित नाम जप महत्वपूर्ण हैं, न कि उपकरण। चाहे माला हो या काउंटर मशीन, व्यक्ति का समर्पण और भक्ति ही असली लाभ तय करती है।