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नेशनल हेराल्ड विवाद पर कांग्रेस का हमला, पवन खेड़ा ने साधा निशाना

नेशनल हेराल्ड विवाद पर कांग्रेस का हमला, पवन खेड़ा ने साधा निशाना

नेशनल हेराल्ड केस में पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए ब्याज रहित कर्ज दिया था। ED को संपत्ति बेचने की सलाह देने का हक नहीं है।

New Delhi: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने अखबार को बचाने के लिए ब्याज‑मुक्त कर्ज दिया था और यदि लोन चुकता नहीं हो पाया तो संपत्तियां बेचने की सलाह देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने ED से पूछा, “ED को यह सलाह कौन देता है?”

डिवेस्टमेंट पर सवाल

पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को ऑपरेट करने में कोई ‘महाजनी कारोबार’ नहीं किया, बल्कि एक non‑profit company के जरिए व्यावसायिक खर्चों को पूरा किया। यदि कर्ज नहीं चुक पाया, तब भी संपत्तियों की बेची जाने की बात कैसे हो सकती है। उनका कहना है कि पार्टी ने अक्सर गरीबों और विचारधारा की मजबूती के लिए यह कदम उठाया था।

कांग्रेस का तर्क

कांग्रेस का स्टैंड है कि अखबार को पुनर्जीवित करने के लिए एक गैर‑लाभकारी संस्था का गठन किया गया था। पैसा किसी नेता के निजी लाभ के लिए नहीं लगाया गया, बल्कि अखबार को चलाने के, उसकी विरासत को बचाने के और स्वतंत्रता‑कालीन विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए खर्च किया गया।

सुप्रिया श्रीनेत का बयान

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि यह एक sufficiently unusual case है क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगते हैं परंतु कोई नकद ट्रांजैक्शन नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “यह एक अजीब मामला है जिसमें पैसा लगाने की बात है, लेकिन लेन‑देन जैसा कुछ भी दिखता नहीं।”

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप बेबुनियाद

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपने तर्क रखे। उन्होंने कहा कि “Young Indian को AJL से एक इंच भी property नहीं मिली और किसी नेता को निजी लाभ नहीं हुआ। आज जो आरोप हैं, वे पूरी तरह groundless हैं।”

ED का आरोप: 2,000 करोड़ की हेराफेरी?

वहीं ED का दावा है कि Sonia Gandhi, Rahul Gandhi, Motilal Vora, Oscar Fernandes, Suman Dubey, Sam Pitroda और Young Indian ने AJL की लगभग ₹2,000 करोड़ की संपत्ति धोखे से कब्जा करने की साजिश की थी। ED के अनुसार, गांधी परिवार के पास Young Indian में 76% शेयर थे और यह संपत्ति ₹90 करोड़ कर्ज घूस के बदले में हासिल की गई।

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