वित्त वर्ष 2024-25 के लिए दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न का रिफंड कई करदाताओं को समय पर नहीं मिल रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह पैन और आधार लिंक न होना, बैंक डिटेल्स में गलती, अतिरिक्त डॉक्यूमेंट्स की मांग या फॉर्म 26AS और फॉर्म 16 में अंतर होना है। ऐसे मामलों में रिफंड में 4-5 हफ्तों से अधिक समय लग सकता है।
Income Tax Refund Delay: अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है और रिफंड समय पर नहीं आया है, तो इसका कारण कई कारक हो सकते हैं। आयकर विभाग के अनुसार, रिफंड में देरी आमतौर पर पैन और आधार कार्ड लिंक न होने, बैंक डिटेल्स में गलती, अतिरिक्त डॉक्यूमेंट्स न जमा करने या फॉर्म 26AS और फॉर्म 16 में अंतर होने की वजह से होती है। ऐसे मामलों में रिफंड प्रोसेसिंग रोक दी जाती है और करदाता को स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है, जिसके बाद ही राशि क्रेडिट होती है।
आधार और पैन कार्ड की जानकारी में मेल न होना
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय पैन और आधार का लिंक होना अनिवार्य है। अगर पैन और आधार कार्ड की जानकारी मेल नहीं खाती है, तो आयकर विभाग रिफंड प्रोसेसिंग में देरी कर सकता है। ऐसा अक्सर तब होता है जब आधार में नाम, जन्मतिथि या अन्य विवरण पैन कार्ड से अलग हो। इस स्थिति में करदाता को जानकारी अपडेट करवाई जानी चाहिए।
बैंक डिटेल्स में गलती
करदाता के रिटर्न में बैंक खाता नंबर या IFSC कोड गलत होने पर रिफंड सीधे खाते में नहीं भेजा जा सकता। विभाग इस मामले में रिफंड रोक सकता है और करदाता को नोटिस जारी कर सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि रिटर्न भरते समय बैंक डिटेल्स सही और अपडेटेड हों।
अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग
कभी-कभी टैक्स विभाग रिफंड क्लेम की जांच के लिए अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकता है। अगर करदाता ने समय पर ये दस्तावेज जमा नहीं किए, तो रिफंड में देरी हो जाती है। गलत जानकारी देने या दस्तावेजों में त्रुटि होने पर विभाग और अधिक जांच कर सकता है।
फॉर्म 26AS और फॉर्म 16 में अंतर
अगर फॉर्म 26AS या फॉर्म 16 में दी गई जानकारी और आईटीआर की डिटेल्स में अंतर होता है, तो रिफंड प्रोसेस रोक दी जाती है। इस स्थिति में करदाता को विभाग को स्पष्टीकरण देना होता है। विभाग के सत्यापन के बाद ही रिफंड जारी होता है।
रिफंड प्रोसेसिंग का समय
आयकर विभाग की ओर से रिफंड प्रोसेस तब शुरू होती है जब करदाता अपनी आईटीआर को ई-वेरिफाई कर देता है। सामान्यतः बैंक खाते में रिफंड क्रेडिट होने में 4 से 5 हफ्ते का समय लगता है। अगर इस अवधि के बाद भी पैसा नहीं आता है, तो करदाता को अपने रिटर्न की डिटेल्स और विभाग की तरफ से आई मेल या नोटिफिकेशन की जांच करनी चाहिए।
करदाताओं के लिए मुख्य बिंदु
करदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रिटर्न भरते समय सभी जानकारी सही और अपडेटेड हो। आधार और पैन का लिंक होना जरूरी है। बैंक डिटेल्स की जांच जरूर करें। यदि विभाग से कोई डॉक्यूमेंट मांगा गया है, तो उसे समय पर जमा करना आवश्यक है। फॉर्म 26AS और फॉर्म 16 की जानकारी में किसी भी अंतर की स्थिति में स्पष्टीकरण देने की प्रक्रिया पूरी करें।