राहुल गांधी ने स्वीकारा कि वह ओबीसी वर्ग के मुद्दे नहीं उठा सके। BJP ने इसे कांग्रेस की विफलता बताते हुए SC-ST-OBC विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया और मोदी सरकार के ओबीसी नेतृत्व को अहम बताया।
OBC Politics: ओबीसी वर्ग को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी अब राजनीतिक विवाद का बड़ा मुद्दा बन चुकी है। राहुल गांधी ने हाल ही में स्वीकार किया कि उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में ओबीसी वर्ग की रक्षा उस तरह से नहीं की जैसी उन्हें करनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें ओबीसी के मुद्दों और इतिहास की गहराई से समझ होती, तो वह पहले ही जातिगत जनगणना करवा देते। राहुल ने यह गलती अपनी निजी भूल बताई, न कि कांग्रेस पार्टी की।
बीजेपी ने राहुल गांधी को घेरा
राहुल गांधी के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह दिवालिया हो चुकी है और उसके नेता भी मानसिक रूप से दिवालियापन से गुजर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी के बयान को 'झूठ का पुलिंदा' बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए जो किया है, उसे कांग्रेस कभी नहीं कर सकी।
मोदी सरकार में ओबीसी का प्रतिनिधित्व
प्रधान ने दावा किया कि आज़ादी के बाद पहली बार भारत की सेवा एक ओबीसी नेता कर रहा है। पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कि एक पिछड़े वर्ग से आते हैं, देश का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसी बात से परेशान है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी हमेशा से एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के खिलाफ रही है।
सीताराम केसरी का उदाहरण देकर कांग्रेस पर हमला
धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस की आंतरिक राजनीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाना था, तब कांग्रेस ने सीताराम केसरी जैसे वरिष्ठ नेता को शौचालय में बंद कर अपमानित किया था। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी पिछड़े वर्गों के साथ कैसा व्यवहार करती है।
जाति जनगणना पर बीजेपी का रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जाति जनगणना को लेकर स्पष्ट रुख नहीं अपना रही है। लेकिन भाजपा का तर्क है कि उनकी सरकार ने ओबीसी के सशक्तिकरण के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि कांग्रेस की सरकार में कितनी बार जातिगत आधार पर फैसले लिए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में आज केंद्रीय संस्थानों में ओबीसी प्रतिनिधित्व और नियुक्तियों में सुधार हुआ है।
राहुल गांधी की 'भागीदारी न्याय' की अपील
दिल्ली में आयोजित 'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में राहुल गांधी ने यह बात स्वीकार की कि उन्होंने ओबीसी के हितों को उतनी प्राथमिकता नहीं दी जितनी देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस है कि जाति जनगणना को लेकर वह समय रहते निर्णय नहीं ले सके। राहुल ने यह भी कहा कि अब वह अपनी इस गलती को सुधारेंगे और भविष्य में ओबीसी वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।