उत्तराखंड विधानसभा के इतिहास में यह दूसरा अवसर होने जा रहा है जब किसी विशेष सत्र में देश की राष्ट्रपति सदन को संवोधित करेंगी। राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित इस ऐतिहासिक सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 नवंबर को सुबह 11 बजे देहरादून विधानसभा में पहुंचकर विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगी।
देहरादून: उत्तराखंड की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं और इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने की तैयारी जोरों पर है। राज्य की रजत जयंती (Silver Jubilee Year) के उपलक्ष्य में तीन नवंबर को आयोजित उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं सदन को संबोधित करेंगी। यह राज्य के राजनीतिक इतिहास का दूसरा अवसर होगा जब किसी राष्ट्रपति का विधानसभा में अभिभाषण होगा।
राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा तीन दिनों का होगा। दो नवंबर को वे हरिद्वार में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगी, जबकि तीन नवंबर को वे देहरादून विधानसभा में राज्य के विकास की यात्रा और भविष्य की दिशा पर अपना अभिभाषण देंगी। इसके बाद वे नैनीताल के लिए रवाना होंगी, जहां कई सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों में शामिल होने की संभावना है।
उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति का ऐतिहासिक अभिभाषण
उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के अनुसार, तीन नवंबर को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति मुर्मू सदन को संबोधित करेंगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने बताया कि विशेष सत्र की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा और भविष्य के रोडमैप पर सार्थक चर्चा का मंच बनेगा।
यह दूसरा मौका होगा जब किसी राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित किया होगा। इससे पहले, मई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी ने विशेष सत्र में अभिभाषण दिया था।

रजत जयंती वर्ष में विकास और आत्ममंथन का अवसर
इस विशेष सत्र में विधायी कार्य नहीं होंगे। बल्कि इसमें राज्य के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास के साथ-साथ भविष्य की नीतियों पर व्यापक चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने 25 वर्षों की यात्रा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा –
'पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचे और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब ‘डबल इंजन की सरकार’ राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।'
धामी ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड को 2030 तक “मॉडल हिल स्टेट” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
विधानसभा सत्र की तैयारियां अपने अंतिम चरण में
विधानसभा परिसर को रजत जयंती के अनुरूप विशेष रूप से सजाया जा रहा है। सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, सदन के मुख्य हॉल में ‘उत्तराखंड @25’ थीम पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें राज्य की अब तक की विकास यात्रा, प्रमुख उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा, जबकि दूसरे दिन सदन में ‘उत्तराखंड की विकास यात्रा और भविष्य की दिशा’ पर चर्चा की जाएगी। विभिन्न विभागों के मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है।
राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को हुई थी, जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर यह नया राज्य अस्तित्व में आया था। 25 वर्षों की इस यात्रा में राज्य ने पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की क्षमता में कई उदाहरण स्थापित किए हैं।













