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ऑनलाइन गेमिंग बिल पास: IPL और बड़े इवेंट्स से जुड़े प्लेटफॉर्म्स बैन

ऑनलाइन गेमिंग बिल पास: IPL और बड़े इवेंट्स से जुड़े प्लेटफॉर्म्स बैन

केंद्रीय सरकार ने रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती करते हुए ऑनलाइन गेमिंग बिल को कानून का रूप दे दिया है। IPL और बड़े खेल आयोजनों में विज्ञापन खर्च में इन प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी लगभग 4,500 करोड़ रुपये है। बिल के लागू होने से विज्ञापन उद्योग और खेल आयोजकों को बड़ा असर पड़ सकता है।

Online Gaming Bill: केंद्रीय सरकार ने शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी दे कर कानून बना दिया है, जो रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और ई-स्पोर्ट्स पर प्रतिबंध लागू करता है। भारत में IPL, रीजनल स्पोर्ट्स लीग और प्राइम-टाइम टीवी पर इन प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन खर्च का हिस्सा लगभग 4,500 करोड़ रुपये है। विशेषज्ञों के अनुसार, बिल के लागू होने से विज्ञापन उद्योग, ब्रॉडकास्टर्स और खेल आयोजकों को आर्थिक और मीडिया रेवेन्यू में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

सरकार का कड़ा कदम

केंद्रीय सरकार ने रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती करने का बड़ा कदम उठाया है। संसद से पास होने के एक दिन बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है, जिससे यह अब कानून बन गया है। इस कानून के तहत पैसे से खेले जाने वाले सभी खेल, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

सरकार का मानना है कि रियल मनी गेमिंग समाज के लिए गंभीर समस्या बन गई है। इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस कानून के लागू होने के बाद इन प्लेटफॉर्म्स के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं और विज्ञापन उद्योग पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।

विज्ञापन उद्योग को 4,500 करोड़ का संभावित नुकसान

विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स बंद हो जाते हैं, तो भारतीय एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री को करीब 4,500 करोड़ रुपये का झटका लग सकता है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL), रीजनल स्पोर्ट्स लीग और प्राइम-टाइम टीवी पर इन कंपनियों की विज्ञापन खर्च की हिस्सेदारी काफी बड़ी रही है। इससे मीडिया रेवेन्यू में भारी कमी आने की संभावना जताई जा रही है।

पल्प स्ट्रैटेजी की फाउंडर और चीफ स्ट्रेटजिस्ट अंबिका शर्मा के मुताबिक, पिछले चार सालों में रियल मनी गेमिंग कंपनियां विज्ञापनों पर सबसे अधिक खर्च करने वाली कंपनियों में से रही हैं। भारत के कुल विज्ञापन खर्च में इनकी हिस्सेदारी सालाना लगभग 6-7 प्रतिशत है। IPL और अन्य बड़े स्पोर्ट इवेंट के दौरान यह हिस्सा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

खेलों और ब्रॉडकास्टर्स पर पड़ेगा असर

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ज्यादातर छोटी और ऑनलाइन लीग गेमिंग कंपनियां विज्ञापनों पर निर्भर हैं। अगर ये विज्ञापन बंद हो गए, तो ब्रॉडकास्टर्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

खेलों को सबसे बड़ा झटका लगेगा। कई सालों से फैंटेसी ऐप्स और रियल-मनी गेमिंग ब्रांड्स IPL और अन्य बड़े खेल आयोजनों में विज्ञापन का मुख्य जरिया रहे हैं। इनके बिना एक बड़ा खालीपन रहेगा, जिसे अन्य विज्ञापन तुरंत नहीं भर पाएंगे।

ऑनलाइन गेमिंग बिल क्या है 

ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल अब कानून बन चुका है। अधिसूचना जारी होने के बाद यह पूरी तरह प्रभावी होगा। सरकार का मानना है कि रियल मनी ऑनलाइन गेमिंग समाज के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है और इसके नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए यह कदम जरूरी है।

इस कानून के लागू होने के बाद रियल मनी गेमिंग कंपनियों और उनके विज्ञापन नेटवर्क पर सीधे असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि विज्ञापन उद्योग, खेल आयोजक और मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए।

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