मराठी भाषा को लेकर सोशल मीडिया पर दिए गए विवादित बयान के बाद चर्चाओं में आए निवेशक सुशील केडिया को अब माफी मांगनी पड़ी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को निशाना बनाकर की गई टिप्पणी के बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने वर्ली स्थित उनके कार्यालय में कथित रूप से तोड़फोड़ की, जिससे मामला और अधिक तूल पकड़ गया। हमले के बाद अब केडिया ने माफीनामा जारी करते हुए अपने बयान को जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया करार दिया है और राज ठाकरे के प्रति सम्मान भी जताया है।
फिर बदला बयान
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर मराठी भाषा को लेकर की गई तीखी टिप्पणी में सुशील केडिया ने लिखा था, मैं मुंबई में 30 साल से रह रहा हूं, लेकिन मराठी नहीं सीख पाया। अब मैंने तय किया है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुस की देखभाल का दिखावा करते रहेंगे, तब तक मैं यह भाषा नहीं सीखूंगा। क्या करना है, बोल? यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई और मनसे कार्यकर्ताओं की तीखी प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई। शुक्रवार को ही वर्ली स्थित उनके ऑफिस पर तोड़फोड़ की घटना हुई, जिसके बाद शनिवार को मुंबई पुलिस ने मनसे के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
माफीनामा जारी
ऑफिस में हुई तोड़फोड़ के कुछ घंटे बाद सुशील केडिया ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि वह मानसिक तनाव और दबाव में थे, जिस वजह से उन्होंने वह पोस्ट की। मराठी न जानने वालों पर हुई हिंसा से मैं मानसिक रूप से हिल गया था। उसी भावनात्मक दबाव में आकर मैंने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दे दी। अब मुझे एहसास हुआ कि वह प्रतिक्रिया गलत थी और मैं अपनी बात वापस लेता हूं, केडिया ने वीडियो में कहा। उन्होंने इस पूरे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे यहीं समाप्त करने की अपील की।
मराठी में सहज नहीं इसलिए कम बोलता हूं
माफीनामे के साथ ही सुशील केडिया ने मराठी भाषा को लेकर एक भावनात्मक स्पष्टीकरण भी दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई में 30 साल से रहने के बावजूद एक मूल मराठी व्यक्ति जैसी दक्षता और प्रवाह हमें आज तक नहीं आ पाया। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की शर्मिंदगी और असहजता से बचने के लिए वह मराठी भाषा का उपयोग केवल अपने बहुत नजदीकी लोगों के सामने, अनौपचारिक माहौल में ही करते हैं। केडिया ने यह भी बताया कि उन्होंने समय के साथ सात अन्य भारतीय भाषाएं सीखी हैं, लेकिन मराठी को लेकर हमेशा एक झिझक बनी रही।
राज ठाकरे को बताया मार्गदर्शक
सिर्फ माफी ही नहीं, केडिया ने राज ठाकरे की कार्यशैली और विचारों की खुलकर सराहना भी की। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा अभियान, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दों पर राज ठाकरे ने हमेशा स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया है, जो सराहनीय है। राज ठाकरे जैसे नेताओं की बेबाकी और जनभावनाओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर खड़े होने की क्षमता के लिए मैं उनके प्रति कृतज्ञ हूं, केडिया ने कहा।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई
हाल ही में राज्य में हिंदी और त्रिभाषा नीति को लेकर छिड़े विवाद के बीच मराठी भाषा का उपयोग न करने पर कुछ लोगों के साथ की गई मारपीट की घटनाओं ने माहौल को संवेदनशील बना दिया था। इसी पृष्ठभूमि में सुशील केडिया ने सोशल मीडिया पर राज ठाकरे के खिलाफ तीखा पोस्ट किया, जिसने मामले को और भड़का दिया।
इस बयान के बाद मनसे कार्यकर्ताओं में भारी नाराज़गी फैल गई और परिणामस्वरूप वर्ली स्थित उनके ऑफिस पर हमला हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की, लेकिन सोशल मीडिया पर यह बहस अभी भी जारी है कि भाषा, अस्मिता और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बीच संतुलन कैसे कायम रखा जाए।