झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। राज्य के अपराध अनुसंधान विभाग (CID) ने रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र स्थित ओलिव गार्डन होटल में छापेमारी कर सात ऐसे भारतीय एजेंटों को गिरफ्तार किया है, जो चीन के साइबर फ्रॉड नेटवर्क के लिए काम कर रहे थे। ये आरोपी लोगों को हाई रिटर्न का झांसा देकर निवेश करवाते थे, फिर उन्हें डिजिटल तरीके से ब्लैकमेल कर मोटी रकम ठग लेते थे।
कैसे काम करता था चीनी साइबर फ्रॉड रैकेट
CID की जांच में सामने आया है कि ये सभी आरोपी चीन के फर्जी फाइनेंसिंग ऐप्स जैसे Milnay, DragonPay, SuperPay और MangoPayIndia के लिए काम कर रहे थे। इनका काम देशभर से म्युल बैंक खातों की सप्लाई करना था, जो ठगी के पैसों को रिसीव करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे। एक आरोपी 'स्पेशल एजेंट' के तौर पर सीधे चीनी नेटवर्क से जुड़ा था।
पूरी योजना बेहद सुनियोजित थी—चीनी हैंडलर्स इन एजेंटों को टेलीग्राम के ज़रिए एक एप्लिकेशन (APK फाइल) भेजते थे। ये एप्स, जिन्हें एजेंट बैंक सिम से लिंक मोबाइल में इंस्टॉल करते थे, OTP और बैंक अलर्ट की जानकारी सीधे चीन स्थित सर्वर पर भेज देती थीं। इससे साइबर ठग उन खातों को रिमोटली कंट्रोल करने लगते थे और करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे देते थे।
छापेमारी में मिला अहम डिजिटल सबूत
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वाले युवकों के रूप में हुई है — कुमार दीपक, कुमार सौरभ, प्रभात कुमार, लखन चौरसिया, अनिल कुमार, शिवम कुमार और प्रदीप कुमार। CID ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, एक चेक बुक, और व्हाट्सएप-टेलीग्राम के 60 से अधिक संदिग्ध चैट बरामद किए हैं।
अब तक की जांच में पता चला है कि इस गिरोह से 60 म्युल बैंक खातों की जानकारी मिल चुकी है, जबकि इनके खिलाफ देशभर में 68 से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज हैं। यह गिरोह एक संगठित साइबर नेटवर्क की तरह काम कर रहा था, जिसकी जड़ें देश के कई राज्यों तक फैली हो सकती हैं।
ऐसे बचें साइबर ठगी से
अपराध अनुसंधान विभाग, रांची ने आम जनता से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग ने कहा है कि सोशल मीडिया या इंटरनेट पर आने वाले निवेश के ऑफर्स, अचानक मिले लॉटरी मैसेज या लुभावने रिटर्न वाले ऐप्स के झांसे में न आएं। किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच जरूर करें। अनजान लिंक, फर्जी वेबसाइट या अनधिकृत ऐप्स के ज़रिए बैंक डिटेल्स या OTP शेयर करना भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है, तो उसे तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करना चाहिए या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करानी चाहिए, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।