प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह करीब 10 बजे नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर संसद सदस्यों के लिए नवनिर्मित 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री अपने आवास परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाएंगे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को संसद सदस्यों के लिए तैयार किए गए नवनिर्मित बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन करेंगे। यह आधुनिक आवास परिसर बाबा खड़क सिंह मार्ग, नई दिल्ली में स्थित है और सांसदों की कार्य एवं आवासीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। सोमवार सुबह लगभग 10 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी फ्लैट परिसर का उद्घाटन करने के साथ-साथ अपने आवास परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाएंगे। इस मौके पर वे श्रमजीवियों को संबोधित करेंगे और वहां मौजूद लोगों से संवाद भी करेंगे।
184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैट
इस परियोजना के तहत कुल 184 टाइप-VII फ्लैट बनाए गए हैं। हर फ्लैट का आकार लगभग 5,000 वर्ग फुट है, जो न केवल रहने के लिए बल्कि सांसदों के कार्य-संबंधी जरूरतों के लिए भी पर्याप्त जगह प्रदान करता है। डिजाइन में सांसदों की कार्यक्षमता, सुरक्षा और आराम का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना को आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
यह जीआरआईएचए 3-स्टार रेटिंग के मानकों का पालन करती है और राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) 2016 के अनुरूप है। निर्माण में हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है, जिससे ऊर्जा की बचत होगी, नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन संभव होगा और कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा।
आधुनिक निर्माण तकनीक और सुरक्षा
इन बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में उन्नत और टिकाऊ तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ढांचा भूकंप-रोधी है और लंबी अवधि तक स्थायित्व सुनिश्चित करता है। परिसर में मजबूत सुरक्षा प्रणाली लगाई गई है, जिसमें अत्याधुनिक निगरानी और प्रवेश नियंत्रण सुविधाएं शामिल हैं। यह परिसर दिव्यांगजनों के लिए पूरी तरह सुलभ है। रैंप, लिफ्ट और विशेष सुविधाएं इस तरह डिजाइन की गई हैं कि सभी सांसद और आगंतुक बिना किसी परेशानी के आवागमन कर सकें।
सुविधाओं की पूरी सूची
- विशाल आवासीय क्षेत्र: प्रत्येक फ्लैट में रहने और काम करने के लिए पर्याप्त जगह।
- कार्यालय और स्टाफ आवास: सांसदों के कर्मचारियों और सहयोगियों के लिए अलग आवासीय इकाइयां।
- कम्युनिटी सेंटर: सामाजिक और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए।
- ऊर्जा-बचत प्रणाली: सोलर पैनल और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत।
- कचरा प्रबंधन प्रणाली: ठोस और तरल कचरे के निपटान के लिए आधुनिक सुविधाएं।
- हरित क्षेत्र: परिसर में पेड़-पौधों और बगीचों के लिए पर्याप्त जगह।
परियोजना की आवश्यकता
यह परियोजना उस समय शुरू की गई जब संसद सदस्यों के लिए गुणवत्तापूर्ण आवास की कमी महसूस की जा रही थी। पुरानी इमारतें सीमित जगह और रखरखाव की समस्याओं से जूझ रही थीं। जमीन का बेहतर उपयोग करने के लिए नई इमारतों को ऊंचा बनाया गया है, जिससे अधिक फ्लैट उपलब्ध हो सकें और रखरखाव का खर्च भी कम हो।
दुनिया के कई लोकतांत्रिक देशों में जनप्रतिनिधियों के लिए आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल आवास सुविधाओं का विकास एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। भारत की यह परियोजना न केवल सांसदों की जरूरतें पूरी करेगी बल्कि सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट का भी उदाहरण पेश करेगी।