वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अपने डेयरी और MSMEs जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की एफटीए वार्ता में हमेशा सुरक्षा करता है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच चौथे दौर की वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति हो चुकी है।
New Delhi: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को स्पष्ट किया कि भारत अपने मुक्त व्यापार समझौतों (Free Trade Agreements - FTA) में डेयरी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSMEs) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की लगातार सुरक्षा करता है। गोयल ने यह टिप्पणी भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित एफटीए पर जारी बातचीत के दौरान की। उन्होंने कहा कि इस समय दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी चौथे दौर की बातचीत कर रहे हैं और इसमें उल्लेखनीय प्रगति हो चुकी है।
गोयल ने कहा, ‘‘भारत कभी भी डेयरी, किसानों और MSMEs के हितों से समझौता नहीं करता। हम हमेशा इन संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की रक्षा करते हैं।’’ उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार समझौतों में भारत का हमेशा प्राथमिक फोकस घरेलू उत्पादन, किसानों और छोटे उद्योगों की सुरक्षा पर रहता है।
डेयरी और MSMEs पर विशेष ध्यान
न्यूजीलैंड विश्व के प्रमुख डेयरी उत्पादक देशों में से एक है। ऐसे में एफटीए में डेयरी बाजार तक पहुंच बढ़ाने की न्यूजीलैंड की मांग को लेकर भारत की स्थिति महत्वपूर्ण है। गोयल ने कहा कि भारत इस मामले में सतर्क है और किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में साझेदार देश को बिना उचित समीक्षा शुल्क रियायत नहीं देता।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम ऐसे संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज नहीं करते। भारत और साझेदार देशों को अपने हितों की सुरक्षा के साथ समझौते की दिशा में काम करना चाहिए।’’ उनका कहना था कि व्यापारिक वार्ता में एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करना अत्यंत जरूरी है।
वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति
गोयल की जानकारी के अनुसार भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर बातचीत में चौथे चरण तक पहुँच चुके हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता के अगले चरणों में हो सकता है कि हमें अधिक दौरों की जरूरत न पड़े, क्योंकि पहले ही बहुत सारी प्रगति हो चुकी है।’’
उन्होंने संकेत दिया कि कृषि प्रौद्योगिकी और डेयरी मशीनरी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के अवसर मौजूद हैं। इस दिशा में साझा तकनीकी और नवाचार पर ध्यान दिया जा सकता है।
एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान
गोयल ने बताया कि दोनों देशों ने व्यापार समझौते में एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करने पर सहमति जताई है। भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में साझेदार देश को विशेष रियायत नहीं दी है। इसके पीछे कारण यह है कि ये क्षेत्र भारत के लिए बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं और इसे व्यापार समझौतों में हमेशा प्राथमिकता देते हैं।’’ इस नीति से भारत सुनिश्चित करता है कि घरेलू उत्पादक, किसान और MSMEs सुरक्षित रहें और उनके हितों की रक्षा हो।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच सहयोग के अन्य क्षेत्र
गोयल ने बताया कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापारिक सहयोग केवल एफटीए तक सीमित नहीं है। दोनों देशों में रक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरे के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी विचार-विमर्श कर रहा है।
एफटीए पूरा होने की उम्मीद
गोयल ने आश्वस्त किया कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित एफटीए जल्द पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘चौथे दौर की वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता आ चुकी है। ठोस चर्चा चल रही है और उम्मीद है कि व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत कृषि प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने के अवसर देख सकता है, जिससे किसानों और डेयरी उत्पादकों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा MSMEs को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए भी अवसर उपलब्ध होंगे।
व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का दौरा
गोयल इस दौरे में भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। गोयल ने बताया कि इस दौरे के दौरान कई द्विपक्षीय मीटिंग्स और औद्योगिक वार्ता आयोजित की जा रही हैं, जिससे व्यापारिक अवसरों को अधिकतम किया जा सके।












