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10,000 फीट ऊंचाई पर फंसा शख्स, जानिए iPhone ने कैसे? बचाई जान

10,000 फीट ऊंचाई पर फंसा शख्स, जानिए iPhone ने कैसे? बचाई जान
अंतिम अपडेट: 30-11--0001

एक बार फिर Apple का इमरजेंसी SOS फीचर असल जीवन में जीवन रक्षक साबित हुआ है। अमेरिका के कोलोराडो स्थित स्नोमास रेंज की बर्फीली और दुर्गम चोटियों पर एक 53 वर्षीय पर्वतारोही उस वक्त फंस गया, जब वह 10 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे उतरने की कोशिश कर रहा था। यह इलाका बेहद ऊंचाई पर है, जहां न तो मोबाइल नेटवर्क पहुंच पाता है और न ही आसानी से किसी से संपर्क किया जा सकता है। ऐसी विकट परिस्थिति में Apple iPhone का सैटेलाइट आधारित SOS फीचर उसके लिए राहत की किरण बन गया।

बिना नेटवर्क के भी काम आया iPhone का फीचर

Apple ने अपने iPhone 14 सीरीज में एक अनूठा फीचर दिया था, जो ऐसे समय में बेहद कारगर साबित होता है जब सामान्य नेटवर्क नहीं होता। इस सैटेलाइट आधारित SOS फीचर के ज़रिए व्यक्ति ने अपने iPhone से एक इमरजेंसी संदेश सैटेलाइट के माध्यम से भेजा। यह संदेश सीधे उसके परिवार के पास पहुंचा, जहां से तुरंत ही कोलोराडो के स्थानीय शेरिफ विभाग को सूचित किया गया।

पर्वतारोहण के दौरान हुआ गंभीर हादसा

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह व्यक्ति पहाड़ी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी कर चुका था और वापस लौटते वक्त एक विशेष ‘ग्लाइडिंग’ तकनीक का सहारा ले रहा था। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह बर्फ में फिसल कर नीचे गिर पड़ा। गिरने से उसे गंभीर चोटें आईं और वह उठने या चलने की स्थिति में नहीं था। नज़दीक कोई दूसरा पर्वतारोही नहीं था और मोबाइल फोन का नेटवर्क पूरी तरह से बंद था।

रेस्क्यू टीम ने पहुंचाई मदद

परिवार की सूचना मिलते ही स्थानीय वालंटियर रेस्क्यू टीम सक्रिय हुई और कुछ ही घंटों में हेलिकॉप्टर के ज़रिए उस इलाके में पहुंची। खराब मौसम और दुर्गम रास्तों के बावजूद टीम ने पर्वतारोही को खोजा और प्राथमिक चिकित्सा देकर सुरक्षित शहर तक पहुंचाया। अगर समय रहते संपर्क न हो पाता, तो इस घटना का अंजाम कुछ भी हो सकता था।

Apple का सैटेलाइट SOS कैसे करता है काम

iPhone 14 सीरीज के साथ Apple ने सैटेलाइट SOS फीचर को फ्री में उपलब्ध कराया था। यह फीचर उस स्थिति में उपयोगी होता है, जब मोबाइल नेटवर्क और वाई-फाई दोनों ही उपलब्ध न हों। इस तकनीक में iPhone आसमान में मौजूद Globalstar सैटेलाइट्स से संपर्क करता है और टेक्स्ट आधारित इमरजेंसी संदेश भेजने में सक्षम होता है।

फोन उपयोगकर्ता को सिर्फ खुले आसमान के नीचे रहना होता है और फोन स्क्रीन पर दिए गए निर्देशों का पालन करना होता है। यह फीचर लोकेशन, दुर्घटना की जानकारी और अन्य जरूरी विवरण सैटेलाइट के माध्यम से रेस्क्यू टीम या परिचितों तक पहुंचाता है।

Apple ने मुफ्त में दिया फीचर

जहां आमतौर पर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सेवाएं बहुत महंगी होती हैं, वहीं Apple ने इसे अपने iPhone 14 और 15 सीरीज में बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उपलब्ध कराया था। कंपनी ने Globalstar सैटेलाइट नेटवर्क के साथ साझेदारी की और इस फीचर को अमेरिका, कनाडा समेत कुछ और देशों में लॉन्च किया था। Apple की ओर से यह पहल कई यूजर्स के लिए जीवन रक्षक बन चुकी है।

पहाड़ों और दुर्गम इलाकों में वरदान साबित हो रहा SOS

ऐसे फीचर्स उन लोगों के लिए खास मायने रखते हैं जो एडवेंचर ट्रैवल, हाइकिंग, पर्वतारोहण या घने जंगलों में जाते हैं। क्योंकि इन जगहों पर मोबाइल सिग्नल नहीं होता, ऐसे में एक छोटा सा टेक्नोलॉजी फीचर किसी की जान बचा सकता है। Apple का यह प्रयास स्मार्टफोन को सिर्फ एक कम्युनिकेशन डिवाइस नहीं, बल्कि एक जीवनरक्षक उपकरण बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

Watch Ultra में फीचर को लेकर अनिश्चितता

Apple के इस फीचर को और भी डिवाइसेज़ में लाने की योजना थी। खासकर Apple Watch Ultra जैसी हाई-एंड वॉच में इसे शामिल करने की चर्चा थी, लेकिन 2022 में Elon Musk की कंपनी Starlink के साथ Apple की डील नहीं हो पाने के चलते यह प्लान फिलहाल रुक गया है।

अब Watch Ultra 3 में यह फीचर आएगा या नहीं, इसे लेकर स्पष्टता नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अब नए सैटेलाइट नेटवर्क पार्टनर की तलाश में है, ताकि यह फीचर और भी देशों में लॉन्च किया जा सके।

पहाड़ों और दुर्गम इलाकों में वरदान साबित हो रहा SOS

ऐसे फीचर्स उन लोगों के लिए खास मायने रखते हैं जो एडवेंचर ट्रैवल, हाइकिंग, पर्वतारोहण या घने जंगलों में जाते हैं। क्योंकि इन जगहों पर मोबाइल सिग्नल नहीं होता, ऐसे में एक छोटा सा टेक्नोलॉजी फीचर किसी की जान बचा सकता है। Apple का यह प्रयास स्मार्टफोन को सिर्फ एक कम्युनिकेशन डिवाइस नहीं, बल्कि एक जीवनरक्षक उपकरण बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

पहले भी कई बार साबित हो चुका है कारगर

यह पहली बार नहीं है जब Apple का यह फीचर किसी की जान बचाने में काम आया हो। इससे पहले भी अलास्का, कैनेडा और कैलिफोर्निया में हुई घटनाओं में यह फीचर मददगार साबित हुआ है। कभी बर्फीले तूफान में फंसे यात्री ने इसका इस्तेमाल किया तो कभी घने जंगल में घायल व्यक्ति ने अपनी लोकेशन भेजकर मदद मांगी।

अब जबकि टेक्नोलॉजी दिन-प्रतिदिन इंसान की जिंदगी को आसान बना रही है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि iPhone का सैटेलाइट SOS फीचर भविष्य में और भी ज्यादा जरूरी और सामान्य होता जाएगा। Apple ने इसे लेकर जो पहल की है, वह दूसरे मोबाइल निर्माताओं के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।

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