Columbus

फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स की 24% उछाल! जानिए किस सेक्टर ने मारी बाजी

फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स की 24% उछाल! जानिए किस सेक्टर ने मारी बाजी

फेस्टिव सीजन 2025 में भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर ने शानदार प्रदर्शन किया। यूनिकॉमर्स रिपोर्ट के मुताबिक, ऑर्डर मात्रा में 24% और जीएमवी में 23% की सालाना बढ़ोतरी हुई। क्विक कॉमर्स ने 120% की तेज़ ग्रोथ दर्ज की, जबकि मार्केटप्लेस की हिस्सेदारी 38% रही। एफएमसीजी, फर्नीचर और ब्यूटी सेक्टर में भी मजबूत बिक्री रही।

E-commerce sector: भारत में 2025 के दिवाली फेस्टिव सीजन के दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर में बिक्री का नया रिकॉर्ड बना। यूनिकॉमर्स के मुताबिक, प्लेटफॉर्म्स पर ऑर्डर मात्रा में 24% और सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) में 23% की वार्षिक वृद्धि हुई। क्विक कॉमर्स ने सबसे ज्यादा 120% की तेजी दर्ज की, जबकि ब्रांड वेबसाइट्स में 33% का उछाल आया। मार्केटप्लेस चैनल्स ने 38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख भूमिका निभाई। इस दौरान एफएमसीजी, होम डेकोर, ब्यूटी, हेल्थ और फार्मा श्रेणियों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों का योगदान लगभग 55% रहा।

क्विक कॉमर्स बना सबसे बड़ा विजेता

त्योहारी खरीदारी में सबसे ज्यादा तेजी क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स में देखने को मिली। ये ऐप्स अब लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि ये मिनटों में डिलीवरी का वादा करते हैं। यूनिकॉमर्स के अनुसार, इस बार क्विक कॉमर्स ऐप्स की ऑर्डर मात्रा में साल-दर-साल 120 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह इस बात का संकेत है कि लोग अब छोटे-छोटे लेकिन जरूरी सामान ऑनलाइन मंगाने में ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं।

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर त्योहारों के दौरान मिठाई, स्नैक्स, पेय पदार्थ, गिफ्ट आइटम्स और होम एसेंशियल्स जैसी चीजों की बिक्री में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई। इससे यह साफ है कि उपभोक्ता अब अपनी जरूरतों के लिए पारंपरिक दुकानों से ज्यादा ऑनलाइन ऑर्डर करना पसंद कर रहे हैं।

मार्केटप्लेस रहे ई-कॉमर्स के मुख्य चैनल

मार्केटप्लेस चैनल्स ने इस बार भी ई-कॉमर्स बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा। यूनिकॉमर्स की रिपोर्ट बताती है कि मार्केटप्लेस की कुल खरीदारी में हिस्सेदारी 38 प्रतिशत रही। वहीं, इन प्लेटफॉर्म्स पर ऑर्डर की मात्रा में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह विश्लेषण यूनिकॉमर्स के यूनीवेयर प्लेटफॉर्म पर हुए 15 करोड़ से अधिक लेनदेन पर आधारित है। ये लेनदेन 2024 और 2025 में 25 दिनों तक चले त्योहारी अभियान के दौरान दर्ज किए गए। कंपनी के अनुसार, 2025 का दिवाली सीजन भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग के लिए सबसे बेहतरीन समय रहा, जिसमें ग्राहकों की भारी भागीदारी देखने को मिली।

FMCG और होम डेकोर की बढ़ी मांग

त्योहारी सीजन में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टरों में रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा एफएमसीजी (FMCG) सेक्टर रहा। इसके अलावा होम डेकोरेशन, फर्नीचर, ब्यूटी, हेल्थ और फार्मा कैटेगरी की बिक्री में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई। त्योहारों के दौरान घर सजाने, अपने और परिवार के लिए गिफ्ट खरीदने और सेल्फ-केयर से जुड़ी चीजों में लोगों ने बढ़-चढ़कर खर्च किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों यानी टियर-2 और टियर-3 सिटीज़ से कुल ऑर्डर का लगभग 55 प्रतिशत योगदान रहा। इसका मतलब है कि अब छोटे शहरों के ग्राहक भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से सक्रिय हो रहे हैं और डिजिटल खरीदारी को अपनाने लगे हैं।

फ्लिपकार्ट पर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स की सबसे ज्यादा बिक्री

त्योहारी सीजन में फ्लिपकार्ट ने बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए। कंपनी के अनुसार, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, बड़े घरेलू उपकरण और फैशन सेगमेंट में सबसे मजबूत रुझान देखने को मिला। इन श्रेणियों में पिछले साल की तुलना में इस बार काफी ज्यादा बिक्री हुई।

फ्लिपकार्ट के विकास और विपणन उपाध्यक्ष प्रतीक शेट्टी ने बताया कि इस सीजन में ग्राहकों ने हर कैटेगरी में बेहतर और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि भारतीय उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास और खरीदने की क्षमता बढ़ रही है, जिसे देश की स्थिर और प्रगतिशील अर्थव्यवस्था का समर्थन मिल रहा है।

त्योहारों के दौरान कंपनी ने कई तरह के ऑफर और डिस्काउंट दिए, जिनका फायदा ग्राहकों ने जमकर उठाया। स्मार्टफोन, एलईडी टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कपड़े और एक्सेसरीज़ की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला।

कंपनियों के लिए मुनाफे का मौसम

ई-कॉमर्स सेक्टर की कंपनियों के लिए यह फेस्टिव सीजन मुनाफे वाला साबित हुआ। यूनिकॉमर्स की रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर प्लेटफॉर्म्स ने इस दौरान रिकॉर्ड ट्रैफिक और बिक्री दर्ज की। मार्केटप्लेस से लेकर डायरेक्ट ब्रांड वेबसाइट्स तक, सभी ने बेहतर प्रदर्शन किया।

ब्रांड वेबसाइट्स की बिक्री में भी 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो इस बात का सबूत है कि उपभोक्ता अब सीधे ब्रांड से खरीदने में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

Leave a comment