पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने सोमवार को आधिकारिक रूप से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यह ऐलान कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल और प्रवक्ता पवन खेड़ा की मौजूदगी में किया गया।
नई दिल्ली: पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने सोमवार को औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। इस मौके पर कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा मौजूद रहे। पार्टी में शामिल होने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में 80 से 90 जिलों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की।
इस दौरान उन्हें महसूस हुआ कि देश को सही दिशा में ले जाने की क्षमता सिर्फ कांग्रेस पार्टी में है। वहीं के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि कन्नन गोपीनाथन का कांग्रेस में शामिल होना एक मजबूत संदेश है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो देश में न्याय, लोकतंत्र और जनता के अधिकारों के लिए लड़ रही है।
के. सी. वेणुगोपाल ने दिलाई कांग्रेस की सदस्यता
कन्नन गोपीनाथन को कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान पवन खेड़ा और कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सदस्यता ग्रहण करने के बाद गोपीनाथन ने कहा, मैंने देशभर में 80 से 90 जिलों का दौरा किया, जनता से मुलाकात की और कई नेताओं से बातचीत की। मुझे यह साफ नजर आया कि सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही इस देश को उस दिशा में ले जा सकती है, जिस दिशा में उसे जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि उनका यह फैसला किसी अवसरवाद या राजनीतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए है। पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने बताया कि उन्होंने 2019 में अपने पद से इस्तीफा इसलिए दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि देश गलत दिशा में जा रहा है।
सरकार देश को जिस राह पर ले जा रही थी, वह संविधान की भावना के खिलाफ थी। उस समय यह साफ हो गया था कि मुझे गलत के खिलाफ खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा कि पद छोड़ने के बाद उन्होंने लगातार जन संवाद जारी रखा और महसूस किया कि आम लोग आज भी न्याय, समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं।
धारा 370 पर उठाए सवाल
कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, धारा 370 हटाना सरकार का निर्णय हो सकता है, लेकिन पूरे राज्य को बंद करना, नेताओं, पत्रकारों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल में डालना, इंटरनेट और संचार बंद कर देना क्या लोकतांत्रिक देश में सही कदम था? यह सवाल केवल मेरा नहीं, बल्कि पूरे देश का है।
उन्होंने जोड़ा कि वह आज भी इस फैसले के विरोध में अपने रुख पर कायम हैं और मानते हैं कि लोकतंत्र में असहमति देशभक्ति का विरोध नहीं, बल्कि उसकी ताकत होती है। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कन्नन गोपीनाथन के पार्टी में शामिल होने पर कहा:
'यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि देश के एक बहादुर, ईमानदार और संवेदनशील नौकरशाह हमारे साथ आए हैं। उन्होंने हमेशा दलितों, हाशिए पर खड़े लोगों और न्याय के लिए आवाज उठाई है। उनका कांग्रेस में शामिल होना यह संदेश देता है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो आज भी न्याय, समानता और प्रेम के लिए संघर्ष कर रही है।'
वेणुगोपाल ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के भारत में ईमानदार अधिकारी और न्याय के लिए खड़े होने वाले लोग दंडित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश इस “विभाजनकारी राजनीति” के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो।
कौन हैं कन्नन गोपीनाथन?
कन्नन गोपीनाथन, 2012 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं और उन्होंने दादरा और नगर हवेली में सेवा दी थी। 2019 में उन्होंने इस्तीफा देकर देशभर में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जन अभियानों में हिस्सा लेना शुरू किया। उन्हें प्रशासनिक ईमानदारी और मानवीय संवेदनाओं के लिए जाना जाता है। कन्नन गोपीनाथन कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और लोकतंत्र से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं।