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पोस्ट ऑफिस का बड़ा फैसला: 3 साल निष्क्रिय रहा खाता तो नहीं कर पाएंगे लेन-देन

पोस्ट ऑफिस का बड़ा फैसला: 3 साल निष्क्रिय रहा खाता तो नहीं कर पाएंगे लेन-देन

अगर आपने पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) या किसान विकास पत्र (KVP) जैसे बचत खाते खोल रखे हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। डाक विभाग ने एक नया निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अगर इन खातों को मैच्योरिटी के तीन साल के अंदर बंद नहीं किया गया तो उन्हें फ्रीज यानी निष्क्रिय कर दिया जाएगा।

डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट (DoP) की ओर से यह फैसला जमाकर्ताओं की राशि को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लिया गया है। आदेश में साफ किया गया है कि जो खाते समय पर बंद नहीं किए जाएंगे या आगे नहीं बढ़ाए जाएंगे, वे भविष्य में लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किए जा सकेंगे।

मैच्योरिटी के बाद तीन साल तक नहीं किया कोई अपडेट, तो होगा फ्रीज

डाक विभाग का कहना है कि स्माल सेविंग स्कीम्स जैसे PPF, TD, RD, NSC, SCSS, KVP और MIS अकाउंट्स अगर मैच्योर हो चुके हैं और उनके साथ अगले तीन वर्षों तक कोई गतिविधि नहीं की गई है, तो उन्हें ‘फ्रीज’ की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि उस अकाउंट से कोई पैसा निकाला या जमा नहीं किया जा सकेगा। साथ ही इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल एप या किसी भी अन्य ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन भी बंद हो जाएगा।

साल में दो बार होगी खाते फ्रीज करने की प्रक्रिया

डाक विभाग ने इस प्रक्रिया को नियमित अभ्यास बनाने का भी आदेश दिया है। इसके तहत हर साल दो बार, 1 जनवरी और 1 जुलाई से 15 दिनों के भीतर ऐसे सभी निष्क्रिय खातों की पहचान कर ली जाएगी जो मैच्योरिटी के तीन साल बाद भी चालू नहीं किए गए हैं। यानी हर वर्ष 30 जून और 31 दिसंबर को जिन खातों की तीन साल की अवधि पूरी हो चुकी होगी, वे फ्रीज की प्रक्रिया में आ जाएंगे।

किन-किन स्कीम्स के खाते फ्रीज किए जाएंगे

डाक विभाग की ओर से जो सूची जारी की गई है उसमें लगभग सभी प्रमुख स्माल सेविंग स्कीम्स के खाते शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF)
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)
  • किसान विकास पत्र (KVP)
  • सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
  • मासिक आय योजना (MIS)
  • सावधि जमा (TD)
  • आवर्ती जमा (RD)

इन सभी खातों के लिए एक समान नियम लागू होगा।

फ्रीज अकाउंट से नहीं हो सकेगा कोई भी लेन-देन

जिन खातों को फ्रीज कर दिया जाएगा, उन खातों से जुड़ा कोई भी ट्रांजेक्शन मुमकिन नहीं होगा। न तो खाताधारक जमा कर पाएंगे और न ही कोई निकासी कर सकेंगे। यहां तक कि ऑनलाइन सर्विसेज जैसे मोबाइल एप या नेट बैंकिंग से भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलेगी। यानी खाता केवल नाम का रहेगा, उसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा जब तक कि उसे दोबारा सक्रिय नहीं कराया जाए।

कैसे अनफ्रीज कर सकते हैं फ्रीज हुए खाते

अगर आपका खाता फ्रीज हो गया है और आप उसे दोबारा एक्टिव करना चाहते हैं, तो इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज लेकर नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाना होगा। वहां आपको अपने खाते से संबंधित पासबुक या सर्टिफिकेट, वैध केवाईसी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और वर्तमान पता का प्रमाण देना होगा।

इसके अलावा, खाता बंद करने का निर्धारित फॉर्म (SB-7A) भी भरकर जमा करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया के बाद डाक विभाग खाते की स्थिति की जांच करेगा और यदि सभी कागज सही पाए गए तो खाता दोबारा एक्टिव कर दिया जाएगा या फिर बंद किया जाएगा।

डाक विभाग ने क्यों लिया यह फैसला

डाक विभाग के मुताबिक, लाखों की संख्या में ऐसे अकाउंट होते हैं जो मैच्योरिटी के बाद वर्षों तक यूं ही पड़े रहते हैं। इनमें किसी प्रकार का कोई अपडेट नहीं किया जाता। इससे न सिर्फ रिकॉर्ड में अव्यवस्था पैदा होती है, बल्कि ऐसे निष्क्रिय खातों से फर्जीवाड़े का खतरा भी बना रहता है। इसलिए अब यह फैसला लिया गया है कि तीन साल से ज्यादा निष्क्रिय पड़े खातों को नियमित रूप से चिन्हित करके फ्रीज किया जाएगा।

कब लागू हुआ है यह नया आदेश

यह आदेश 15 जुलाई, 2025 से लागू कर दिया गया है। इसके तहत हर साल दो बार यानी जनवरी और जुलाई महीने में अभियान चलाकर खातों की समीक्षा की जाएगी। अगर कोई खाता निर्धारित शर्तों के तहत आता है तो उसे फ्रीज कर दिया जाएगा।

जमाकर्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत

इस आदेश के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि पोस्ट ऑफिस के निवेशक अब अपने खातों पर ज्यादा ध्यान देंगे। समय रहते खाते को या तो बंद करेंगे या आगे बढ़ाएंगे ताकि कोई समस्या न हो। हालांकि जो लोग समय रहते दस्तावेज जमा कर देंगे, उनके खाते को दोबारा चालू करने की प्रक्रिया काफी आसान रहेगी।

डाक विभाग ने सभी सर्किलों को दिए निर्देश

इस संबंध में डाक विभाग ने अपने सभी सर्किल कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह समय-समय पर इस प्रक्रिया की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी निष्क्रिय खाते को तीन साल के भीतर फ्रीज कर दिया जाए। साथ ही खाताधारकों को भी सूचित किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी निभा सकें। 

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