प्रयागराज के एक युवक का मोबाइल नंबर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए नंबरों में शामिल हो गया। इसके बाद युवक को लगातार कॉल आने लगे, जिससे परेशान होकर उसने फोन बंद कर दिया और रिपोर्ट को फर्जी बताया।
Prayagraj News: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को वोट चोरी का आरोप लगाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें कुछ मोबाइल नंबर भी साझा किए गए। इनमें प्रयागराज निवासी अंजनी मिश्रा का नंबर भी शामिल हो गया। अंजनी ने इसे गलत बताते हुए कहा कि नंबर सार्वजनिक होने के बाद उनके पास लगातार कॉल आ रहे हैं, जिससे उन्हें परेशानी उठानी पड़ी।
प्रयागराज के युवक ने राहुल गांधी पर लगाया आरोप
प्रयागराज के अंजनी मिश्रा ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनका मोबाइल नंबर गलत तरीके से सार्वजनिक किया गया, जिसके बाद वह लगातार परेशान हो रहे हैं। अंजनी का आरोप है कि उनका नंबर वोटर लिस्ट से नाम कटवाने वाले लोगों की सूची में गलत तरीके से शामिल किया गया।
अंजनी ने साफ कहा कि वह कभी महाराष्ट्र नहीं रहे और उनका वोटर आईडी प्रयागराज का है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पिछले 15 सालों से वह इसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब इसे वायरल किए जाने से उनकी निजता भंग हुई है।
लगातार आ रहे हैं अनजान कॉल
मोबाइल नंबर सार्वजनिक होने के बाद अंजनी मिश्रा को लगातार अज्ञात लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं। उनका कहना है कि इस वजह से उनका निजी और पेशेवर जीवन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। वह सेल्स डिपार्टमेंट में काम करते हैं और इस स्थिति ने उनके लिए दिक्कतें और बढ़ा दी हैं।
अंजनी ने इस पर भी सवाल उठाया कि आखिर राहुल गांधी ने बिना पुष्टि के उनका नंबर सार्वजनिक क्यों किया। उन्होंने कहा कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा है।
पुलिस में शिकायत करने की तैयारी
लगातार हो रही परेशानी के चलते अंजनी मिश्रा अब कानूनी कदम उठाने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा है कि वह राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे और इस मामले की पूरी जांच की मांग करेंगे। उनका कहना है कि किसी भी सूरत में उन्होंने वोट हटवाने के लिए आवेदन नहीं किया।
अंजनी का मानना है कि यह कदम जानबूझकर किया गया है, जिसकी वजह से उन्हें मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को बताया ग़लत
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 18 सितंबर को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सॉफ्टवेयर के जरिए विपक्षी दलों के वोटरों को टारगेट कर वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है। इसके समर्थन में उन्होंने कुछ नंबर और दस्तावेज भी दिखाए थे।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और कानूनी नियमों के तहत होती है।