रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय नौसेना के दो नए स्टेल्थ फ्रिगेट INS उदयगिरि और INS हिमगिरि के जलावतरण के मौके पर पाकिस्तान को चेताया। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेगा।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार (26 अगस्त, 2025) को भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसेना कमान में दो बहु-मिशन स्टेल्थ फ्रिगेट, INS उदयगिरि और INS हिमगिरि, के जलावतरण समारोह के दौरान पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि भारत कभी युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर उसकी सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला होता है, तो वह सटीक और निर्णायक जवाब देने में सक्षम है।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि अगर नौसेना को पूरी तरह जवाबी कार्रवाई का मौका मिलता, तो परिणाम और भी अलग होते।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना की जिम्मेदारी
राजनाथ सिंह ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का सफलतापूर्वक संचालन किया। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया, लेकिन भारत ने सोच-समझकर और सटीक तरीके से प्रतिक्रिया दी। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हम आतंकवादी ठिकानों को जड़ से खत्म करने में सफल रहे।”
रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत कभी आक्रामक नहीं होता, लेकिन अपनी सुरक्षा पर कोई भी खतरा बर्दाश्त नहीं करता। नौसेना की रणनीति और युद्धपोतों की तैनाती बेहद प्रभावी रही, जिससे पाकिस्तान को भी सटीक संदेश मिला।
भारत की रक्षा नीति – शांति और जवाबी कार्रवाई
राजनाथ सिंह ने दोहराया कि भारत की नीति शांति, लेकिन समझौता नहीं है। उनका कहना था, “हम शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जवाबी कार्रवाई करते हैं। जब हमारी सुरक्षा पर हमला होता है, तो भारत पीछे नहीं हटता। मुँह तोड़ जवाब देना हमारी ताकत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ताकत सिर्फ सेना में नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता, अनुशासन और समर्पण में है। चुनौतियों के समय देश एकजुट होकर आतंकवाद और किसी भी बाहरी खतरे का सामना करता है।
आतंकवाद के खिलाफ देश की एकता
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। उन्होंने यह भी बताया कि अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है और आतंकवादियों के ठिकानों को खत्म करने का अभियान जारी रहेगा।
राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ सटीक और निर्णायक कदम उठाने में सक्षम है, लेकिन उसका उद्देश्य केवल शांति और सुरक्षा बनाए रखना है।