राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे पिछले दो वर्षों से ब्रेन स्ट्रोक के कारण कोमा में थे। उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे बीकानेर संभाग, विशेषकर नोखा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
बीकानेर: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे पिछले दो वर्षों से ब्रेन स्ट्रोक के कारण कोमा में थे। उनके निधन की खबर से पूरे बीकानेर संभाग में, खासकर उनके गृह क्षेत्र नोखा में शोक की लहर दौड़ गई है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
अशोक गहलोत ने जताया व्यक्तिगत आघात
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा, "पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है। रामेश्वर डूडी ने अपनी हर भूमिका का निर्वहन अच्छे से किया।
गहलोत ने आगे कहा कि डूडी हमेशा किसान वर्ग के लिए काम करते रहे और उन्होंने दौरा पड़ने से कुछ दिन पूर्व गहलोत से लंबी बातचीत भी की थी। अशोक गहलोत ने दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को हिम्मत देने की प्रार्थना की।
रामेश्वर डूडी का राजनीतिक सफर
रामेश्वर डूडी का जन्म बीकानेर जिले के नोखा के बिरमसर गांव में हुआ था। राजनीति में उनकी शुरुआत नोखा पंचायत समिति के प्रधान पद से हुई। इसके बाद वे दो बार जिला प्रमुख, एक बार सांसद और एक बार विधायक बने। नोखा से विधायक चुने जाने के बाद उन्हें राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का दायित्व भी मिला।
डूडी कांग्रेस संगठन में एक मजबूत और भरोसेमंद नेता माने जाते थे। राज्य और केंद्र स्तर पर उनके गहरे संबंध रहे। अपने क्षेत्र में वे 'साहब' के नाम से लोकप्रिय थे। जनता के बीच उनकी छवि सादगी और संघर्षशीलता की रही। उनका नेतृत्व और संगठन कौशल राजस्थान कांग्रेस के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहा।