हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की बिगड़ी कानून-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर बदमाशों के खिलाफ फेक एनकाउंटर तक किया जाना चाहिए। उन्होंने यूपी की तर्ज पर राज्य में अपराध नियंत्रण की वकालत की।
जोधपुर: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। जोधपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराधियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं और प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने की सलाह दी।
बेनीवाल ने अवैध निर्माण और कुछ "बदमाशों" के वैध निर्माण तोड़ने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर फेक एनकाउंटर जैसे कदम उठाने का सुझाव भी दिया। उनका कहना है कि इससे अपराधियों में भय बना रहेगा और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने पर बयान
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि कई अपराधी विदेशों में बैठे हुए हैं और उनके नेटवर्क राजस्थान में रंगदारी व वसूली जैसे अपराध करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार और दिल्ली प्रशासन को इंटरपोल के माध्यम से इन अपराधियों को भारत में लाकर उनके नेटवर्क को खत्म करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि यह कदम आम जनता को सुरक्षा का भरोसा देगा और राज्य में अपराध पर नियंत्रण सुनिश्चित करेगा। उनके अनुसार, अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के बिना कानून-व्यवस्था सुधारना मुश्किल है।
अपराधियों के लिए फेक एनकाउंटर की सिफारिश की
बेनीवाल ने जोर देकर कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। उन्होंने सुझाव दिया कि सिर्फ अवैध निर्माण नहीं, बल्कि कुछ वैध निर्माण भी तोड़ दिए जाएं, जो अपराधियों के हाथों में हथियार बन रहे हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ एनकाउंटर करो स्टेट में, और जरूरत पड़े तो फेक एनकाउंटर भी किया जाए। इससे अपराधियों में खौफ बना रहेगा और आम जनता सुरक्षित महसूस करेगी।” हनुमान बेनीवाल के इस बयान ने राज्य में कानून-व्यवस्था सुधार और अपराध नियंत्रण पर बहस को फिर से जोर दिया है।
धमकियों और जातीय तनाव की चिंता जताई
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में कई लोगों को धमकियां मिली हैं और उनका नेटवर्क काफी बड़ा है। इसके अलावा, राज्य में जातीय संघर्ष बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि हालात तब और चिंताजनक हैं जब मुख्यमंत्री को भी कई बार धमकियां मिली हैं।
उनका कहना है कि राजस्थान के हालात सुधारने के लिए प्रशासन को एक नई लड़ाई लड़नी होगी। इसके बिना आम जनता में भय खत्म नहीं होगा और अपराधियों का नेटवर्क मजबूत रहेगा।