भाईदूज के पावन पर्व पर आज यमुनोत्री धाम में मां यमुना मंदिर के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के साथ छह माह के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हुई।
Yamunotri Dham Door Closing: उत्तराखंड के चार धामों में से एक यमुनोत्री धाम के कपाट आज भाईदूज के पावन अवसर पर शीतकाल के लिए विधिविधान से बंद कर दिए गए। गंगोत्री और केदारनाथ धाम के बाद अब यमुनोत्री धाम के कपाट भी अगले छह माह के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद हो गए हैं। मां यमुना की उत्सव डोली अब अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हो गई है, जहां आगामी छह माह तक श्रद्धालु मां यमुना की पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
विशेष पूजा-अर्चना के साथ हुआ कपाट बंद
यमुनोत्री मंदिर समिति के प्रवक्ता पुरुषोत्तम उनियाल, सचिव सुनील उनियाल और कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल के अनुसार, कपाट बंद करने से पूर्व मंदिर में सुबह से ही विशेष धार्मिक अनुष्ठान और पूजन शुरू हो गया था। दोपहर 12:30 बजे शुभ मुहूर्त में मां यमुना मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए।सुबह लगभग 8 बजे खरसाली गांव से शनिदेव महाराज की डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ धाम के लिए रवाना हुई।
यमुना के भाई शनिदेव महाराज धाम पहुंचने के बाद यमुना नदी में स्नान कर अपनी बहन मां यमुना के साथ विशेष पूजा-अर्चना में शामिल हुए। इसके बाद श्रद्धालुओं की जयकारों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए।
खरसाली में होगी मां यमुना की पूजा
कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। अब अगले छह माह तक मां यमुना की पूजा और दर्शन खरसाली में ही होंगे। यह वही स्थान है जहां हर साल सर्दियों के दौरान मां यमुना की पूजा संपन्न की जाती है। खरसाली गांव, जो उत्तरकाशी जिले में स्थित है, यमुनोत्री धाम का शीतकालीन निवास स्थल माना जाता है। यहां हजारों श्रद्धालु मां यमुना के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
इसी क्रम में गंगोत्री धाम के कपाट भी अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में पूर्वाह्न 11:36 बजे बंद किए गए। गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली और भोगमूर्ति को पारंपरिक विधि से मुखबा गांव ले जाया गया है, जहां वह छह माह तक प्रवास करेंगी। मुखबा गांव में अब मां गंगा की पूजा-अर्चना होगी, और श्रद्धालु वहीं जाकर मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष गंगोत्री धाम में लगभग 7,58,249 श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन कर चुके हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा 2025 का औपचारिक समापन हो गया है। पहले ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट क्रमशः 21 और 22 अक्टूबर को बंद हो चुके हैं।