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GST कटौती और दिवाली की रौनक ने बनाया 74 करोड़ ट्रांजैक्शन का नया रिकॉर्ड, फेस्टिव सीजन बना गेमचेंजर

GST कटौती और दिवाली की रौनक ने बनाया 74 करोड़ ट्रांजैक्शन का नया रिकॉर्ड, फेस्टिव सीजन बना गेमचेंजर

फेस्टिव सीजन में UPI ने धमाका किया है। अक्टूबर में रोजाना औसतन 94,000 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन हुए, जो सितंबर से 13% अधिक हैं। दिवाली के समय एक दिन में 74 करोड़ ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किए गए। GST कटौती और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा ने डिजिटल लेनदेन को नए स्तर पर पहुंचाया है।

NPCI Statistics: फेस्टिव सीजन के दौरान डिजिटल लेनदेन में जोरदार उछाल आया है। NPCI के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2025 में UPI के जरिए हर दिन औसतन 94,000 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन हुए, जो सितंबर से 13% अधिक हैं। दिवाली की पूर्व संध्या पर UPI ने एक दिन में 74 करोड़ ट्रांजैक्शन कर नया रिकॉर्ड बनाया। GST कटौती, बोनस सीजन और मोबाइल पेमेंट की आसान सुविधा ने डिजिटल खर्च को बढ़ावा दिया है, जिससे डिजिटल इंडिया की ताकत नए स्तर पर पहुंची है।

फेस्टिव सीजन ने बढ़ाई रफ्तार

दिवाली और फेस्टिवल सीजन में खरीदारी, बोनस और डिस्काउंट्स के कारण लोग ऑनलाइन पेमेंट्स की ओर ज्यादा आकर्षित हुए हैं। दीपावली की पूर्व संध्या पर UPI ने एक दिन में 740 मिलियन यानी 74 करोड़ ट्रांजैक्शन का नया रिकॉर्ड बनाया। अक्टूबर में अब तक औसतन 695 मिलियन ट्रांजैक्शन रोजाना हुए हैं, जो सितंबर में 654 मिलियन ट्रांजैक्शन से लगभग 6 प्रतिशत अधिक हैं।

छह बार पार हुआ 1 लाख करोड़ का आंकड़ा

अक्टूबर में अब तक छह बार UPI के दैनिक ट्रांजैक्शन मूल्य ने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया। सितंबर में यह उपलब्धि सिर्फ तीन बार हासिल हुई थी। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि फेस्टिव सीजन में डिजिटल खर्च का स्तर पिछले सालों की तुलना में कहीं अधिक ऊंचा है।

डिजिटल पेमेंट क्यों बढ़ा?

विशेषज्ञों का मानना है कि फेस्टिवल, बोनस सीजन और हाल ही में GST दरों में कटौती ने लोगों को ज्यादा खर्च करने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा, मोबाइल इंटरनेट की आसानी और हर गली-मोहल्ले में QR कोड के ज़रिए पेमेंट की सुविधा ने UPI को आम जनता के लिए सुलभ बनाया है। अब केवल बड़े शहर ही नहीं, छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों में भी डिजिटल पेमेंट का दायरा तेजी से बढ़ा है।

विश्लेषकों के अनुसार, अगर यही रफ्तार बरकरार रही, तो अक्टूबर में कुल ट्रांजैक्शन वैल्यू 28 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकती है। यह अब तक का सबसे उच्च स्तर होगा। UPI ने न केवल कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया है, बल्कि छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और आम उपभोक्ताओं के लिए भी लेनदेन को सरल और सुरक्षित बना दिया है।

डिजिटल इंडिया की जीत

UPI की इस सफलता से यह साफ है कि डिजिटल इंडिया अभियान अब सिर्फ नारे तक सीमित नहीं है। रोजाना करोड़ों लोग, बड़े और छोटे व्यापारी, ग्राहक और कर्मचारी डिजिटल लेनदेन कर रहे हैं। मोबाइल वॉलेट्स और बैंकिंग एप्स के साथ UPI ने भारत में कैशलेस लेनदेन को आम जनजीवन में एक मजबूत आधार दे दिया है।

तकनीकी और वित्तीय शामिल

UPI के इस उछाल के पीछे तकनीकी सुविधाओं का बड़ा हाथ है। तेज़ इंटरनेट, सुरक्षित पेमेंट गेटवे और यूजर-फ्रेंडली ऐप्स ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को आसान बनाया है। साथ ही, त्योहारों के दौरान विशेष ऑफर्स और कैशबैक स्कीम ने लोगों को डिजिटल खर्च करने के लिए प्रेरित किया।

छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बढ़त

विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे शहर और ग्रामीण इलाकों में UPI ने तेजी से पैठ बनाई है। QR कोड पेमेंट, मोबाइल बैंकिंग और आसान ट्रांजैक्शन सुविधाओं ने डिजिटल लेनदेन को हर वर्ग तक पहुंचाया है। इस तरह, डिजिटल इंडिया का सपना अब ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी साकार होता दिखाई दे रहा है।

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