वोटवाइब सर्वे में शशि थरूर को 28.3% वोट मिले। वे केरल के सीएम पद के लिए पहली पसंद बने। एलडीएफ में के.के. शैलजा सबसे लोकप्रिय नेता रहीं।
Shashi Tharoor : मुंबई की रिसर्च एजेंसी वोटवाइब द्वारा कराए गए एक ताजा सर्वे में तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर को केरल के मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पहली पसंद बताया गया है। इस सर्वे के अनुसार, थरूर को 28.3 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिला है। यह सर्वे उस समय आया है जब शशि थरूर और कांग्रेस हाईकमान के बीच मतभेदों की खबरें सामने आ रही हैं।
थरूर ने खुद शेयर किया सर्वे
यह पोल थरूर ने स्वयं अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया है। सर्वे में उनकी लोकप्रियता का साफ संकेत मिलता है। इस पोल का विश्लेषण कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी के संदर्भ में भी किया जा रहा है, जहां यह कहा जा रहा है कि अगर कांग्रेस को 2026 के विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करना है, तो थरूर जैसे चेहरे को आगे लाना होगा।
पार्टी कार्यकर्ता ने राहुल गांधी को किया टैग
इस सर्वे को लेकर एक कांग्रेस समर्थक ने एक्स पर एक पोस्ट की जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, के.सी. वेणुगोपाल और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन को टैग किया गया। उस पोस्ट में यह दावा किया गया कि शशि थरूर वर्तमान राजनीतिक हालात में केरल में कांग्रेस के लिए सबसे उपयुक्त मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं। पोस्ट में यह भी कहा गया कि यूडीएफ के अंदर नेतृत्व को लेकर जो असमंजस है, उसे थरूर की उम्मीदवारी खत्म कर सकती है।
सर्वे में थरूर सबसे आगे, शैलजा एलडीएफ की पसंद
वोटवाइब के इस सर्वे में यह भी पाया गया कि 27.1 प्रतिशत मतदाता यूडीएफ के नेतृत्व को लेकर अनिश्चित हैं। इसका साफ मतलब है कि कांग्रेस नीत यूडीएफ के पास फिलहाल कोई स्पष्ट चेहरा नहीं है, जो थरूर के पक्ष में जा सकता है। दूसरी ओर, एलडीएफ खेमे में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा को सबसे अधिक 24.2 प्रतिशत समर्थन मिला है। मौजूदा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को केवल 17.5 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ।
कांग्रेस नेतृत्व ने दी नपी-तुली प्रतिक्रिया
सर्वे रिपोर्ट आने के बाद केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के नवनियुक्त अध्यक्ष सनी जोसेफ ने थरूर की लोकप्रियता को कमतर आंकने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के बाद तय प्रक्रिया के तहत अपना नेतृत्व चुनती है और फिलहाल इस विषय पर कोई निर्णय लेना जल्दबाजी होगी।
कांग्रेस हाईकमान
बता दें कि थरूर ने पिछले साल मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था, जिसके बाद से माना जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनके संबंध सामान्य नहीं हैं। हाल ही में केंद्र सरकार की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आउटरीच पहल की लिस्ट से थरूर का नाम हटा दिया गया था, जिससे यह विवाद और गहरा गया।