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समान नागरिक संहिता पर बोले पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़, कहा- संविधान की आकांक्षा है UCC, सभी वर्गों को साथ लेकर हो अमल

समान नागरिक संहिता पर बोले पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़, कहा- संविधान की आकांक्षा है UCC, सभी वर्गों को साथ लेकर हो अमल

पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि यह संविधानिक लक्ष्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसे लागू करने से पहले सभी वर्गों को विश्वास में लेना जरूरी है।

EX CJI chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने समान नागरिक संहिता (UCC) की वकालत करते हुए कहा है कि यह संविधान की स्पष्ट आकांक्षा है। उन्होंने यह बयान मुंबई में एक पत्रकार वार्ता के दौरान दिया। चंद्रचूड़ ने कहा कि यूसीसी को लागू करना एक संवैधानिक लक्ष्य है, लेकिन इसे लागू करते समय सभी वर्गों को विश्वास में लेना जरूरी होगा।

75 वर्षों बाद संविधान की मंशा को साकार करने का समय

चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान निर्माण को 75 साल पूरे हो चुके हैं और अब समय आ गया है कि हम उसमें वर्णित लक्ष्यों को साकार करें। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश के न्यायपूर्ण भविष्य के लिए जरूरी है, लेकिन यह तभी संभव है जब सभी समुदायों को भरोसे में लिया जाए और उन्हें यह विश्वास हो कि यह उनके हित में है।

पूर्व CJI ने क्या कहा?

पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने साफ शब्दों में कहा, "मैंने वही कहा जो मुझे कहना था। संविधान समान नागरिक संहिता की वांछनीयता को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है। अब यह जरूरी हो गया है कि हम इस दिशा में ठोस कदम बढ़ाएं, लेकिन साथ ही हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी हो।"

UCC क्या है?

समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेना जैसे नागरिक मामलों में एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म, जाति, लिंग या पंथ कुछ भी हो। यह संविधान के भाग IV में नीति निर्देशक सिद्धांतों के अंतर्गत अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है।

अनुच्छेद 44 क्या कहता है?

संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि "राज्य भारत के समस्त क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।" हालांकि, यह नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है, जिसे बाध्यकारी नहीं माना गया है, लेकिन यह राज्य की जिम्मेदारी के रूप में निर्धारित किया गया है।

कहां लागू है UCC?

वर्तमान में गोवा एकमात्र राज्य है जहां समान नागरिक संहिता प्रभावी रूप से लागू है। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में यूसीसी लागू करने का निर्णय लिया है। कुछ अन्य भाजपा शासित राज्य भी इस दिशा में सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं।

राजनीतिक बहस का विषय भी रहा है UCC

यूसीसी लंबे समय से भारतीय राजनीति में बहस का मुद्दा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई राजनीतिक दल इसे समानता और न्याय का प्रतीक मानते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार यूसीसी को समर्थन देते हुए कहा है कि धर्म, जाति और पंथ के आधार पर भेदभाव खत्म करने के लिए देश को एक समान नागरिक संहिता अपनानी चाहिए।

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