लोकसभा में विपक्षी सांसदों के विरोध के दौरान हंगामा बढ़ा। स्पीकर ओम बिरला ने चेतावनी दी कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश पर उन्हें निर्णायक फैसले लेने होंगे।
New Delhi: लोकसभा में सोमवार को हंगामे के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता ने उन्हें सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है और अगर वे इस तरह का आचरण करते हैं तो उन्हें निर्णायक फैसले लेने पड़ेंगे।
संसद में बढ़ा हंगामा, विपक्ष का प्रदर्शन जारी
लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को उस समय बाधित हो गई जब विपक्षी सांसदों ने एसआईआर (Special Intensive Revision) और अन्य मुद्दों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सांसद नारेबाजी करते हुए सदन के भीतर अपनी मांगों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि इस दौरान माहौल बिगड़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सख्ती दिखाई और सदन को अनुशासन बनाए रखने की नसीहत दी। उन्होंने सांसदों को चेताया कि विरोध दर्ज कराने का अधिकार है लेकिन यह अधिकार सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देता।
ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को दी सख्त चेतावनी
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यदि सांसद उसी ऊर्जा से सवाल पूछें, जिस ऊर्जा से नारेबाजी कर रहे हैं, तो देश की जनता को वास्तविक फायदा होगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी सांसद सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
बिरला ने आगे कहा कि यदि ऐसी कोशिश की जाती है तो उन्हें कठोर और निर्णायक कदम उठाने होंगे। उनका कहना था कि देश की जनता सब देख रही है और वह यह बर्दाश्त नहीं करेगी कि लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाए।
'निर्णायक फैसले लेने पड़ेंगे'
लोकसभा अध्यक्ष ने दो टूक कहा कि अगर सांसदों ने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं तो उन्हें सख्त फैसले लेने होंगे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कई राज्यों की विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के बाद संबंधित सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बिरला ने विपक्षी सांसदों को दोबारा चेतावनी देते हुए कहा कि वे अनुशासन का पालन करें और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें।
विपक्ष का आरोप और प्रदर्शन
विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के सांसदों ने संसद परिसर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची को प्रभावित करने की कोशिश है। विपक्ष ने इसे जनविरोधी कदम बताया और सरकार पर निशाना साधा। संसद के भीतर भी विपक्ष ने इसी मुद्दे को लेकर हंगामा किया, जिसके चलते कार्यवाही बाधित हुई और दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।