Columbus

Bihar Election 2025 Survey: तेजस्वी, नीतीश या प्रशांत किशोर, जानें कौन बनेंगे अगले CM?

Bihar Election 2025 Survey: तेजस्वी, नीतीश या प्रशांत किशोर, जानें कौन बनेंगे अगले CM?

सी-वोटर के ताजा सर्वे के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद की जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। एनडीए को 40.2% और महागठबंधन को 38.3% समर्थन मिला है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी 13.3% समर्थन के साथ ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है, जिससे चुनाव त्रिकोणीय मोड़ ले सकता है।

Bihar Election Survey: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जारी सी-वोटर सर्वे में जनता का मूड सामने आया है। सर्वे में तेजस्वी यादव को 36.2% समर्थन मिला है, नीतीश कुमार 15.9% और प्रशांत किशोर 23.2% लोगों की पसंद बन चुके हैं। एनडीए और महागठबंधन के बीच केवल दो प्रतिशत का अंतर है, जबकि जन सुराज पार्टी का 13 प्रतिशत वोट इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना सकता है। सर्वे में राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा का महागठबंधन को लाभ पहुंचाने वाला असर भी देखा गया है।

एनडीए और महागठबंधन में कड़ा मुकाबला

सी-वोटर के ताजा सर्वे के अनुसार एनडीए को 40.2 प्रतिशत समर्थन मिला है, जबकि महागठबंधन को 38.3 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है। दोनों गठबंधनों के बीच केवल दो प्रतिशत का अंतर दिख रहा है। इस समय प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 13.3 प्रतिशत समर्थन मिला है। 8.2 प्रतिशत लोग किसी स्पष्ट राय में नहीं हैं। सर्वे से यह संकेत मिलता है कि अगर जन सुराज पार्टी चुनाव में कुछ सीटें जीतने में सफल होती है, तो यह बिहार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

राहुल गांधी की यात्रा का असर

सर्वे में यह भी पूछा गया कि राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ का चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। 51 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस यात्रा से महागठबंधन को फायदा मिलेगा, जबकि 32.8 प्रतिशत का कहना है कि इसका कोई असर नहीं होगा। 16.2 प्रतिशत लोगों ने कोई स्पष्ट राय नहीं दी। इस आंकड़े से यह साफ है कि राहुल गांधी की यात्रा ने महागठबंधन के माहौल को मजबूत करने में योगदान दिया है।

मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पसंद

सर्वे के अनुसार तेजस्वी यादव 36.2 प्रतिशत समर्थन के साथ अभी भी सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं। जून में उनका समर्थन 34.9 प्रतिशत और फरवरी में 40.6 प्रतिशत था। जदयू नेता नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट देखी जा रही है। इस बार उन्हें केवल 15.9 प्रतिशत समर्थन मिला है। वहीं, प्रशांत किशोर तेजी से उभरते हुए 23.2 प्रतिशत लोगों की पसंद बन चुके हैं। चिराग पासवान को 8.8 प्रतिशत और भाजपा के सम्राट चौधरी को 7.8 प्रतिशत समर्थन मिला है।

जन सुराज पार्टी की बढ़ती ताकत

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 13 प्रतिशत समर्थन हासिल किया है। यह किसी नई पार्टी के लिए काफी बड़ा आंकड़ा माना जा रहा है। पार्टी ने अब तक 51 उम्मीदवारों की सूची जारी की है और घोषणा की है कि वह 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। युवाओं और पहली बार वोट डालने वालों के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। इस रुझान से यह संकेत मिलता है कि बिहार में तीसरा मोर्चा मजबूत होकर उभर रहा है।

SIR विवाद और राजनीतिक प्रभाव

SIR यानी स्पेशल वोटर रिवीजन को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। लगभग 46 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इससे एनडीए को फायदा होगा, जबकि 21.7 प्रतिशत का कहना है कि महागठबंधन को लाभ मिलेगा। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में करीब 65 लाख नाम हटा दिए गए और केवल 21 हजार नए नाम जोड़े गए। जनता का बड़ा हिस्सा इसे प्रशासनिक पक्षपात मान रहा है।

त्रिकोणीय मुकाबला की संभावना

अब बिहार का चुनाव केवल एनडीए और महागठबंधन के बीच नहीं रह गया है। जन सुराज पार्टी की बढ़ती ताकत ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। तेजस्वी यादव अपनी लोकप्रियता बनाए हुए हैं, नीतीश कुमार का ग्राफ गिर रहा है और प्रशांत किशोर एक नई राजनीतिक ताकत के रूप में उभर रहे हैं। अगर यह रुझान चुनाव तक कायम रहता है, तो बिहार में तीन मोर्चों का मुकाबला तय माना जा सकता है।

Leave a comment