सन ऑफ सरदार जैसी फिल्मों से आमतौर पर दर्शकों की उम्मीद यही होती है कि उन्हें हल्की-फुल्की कॉमेडी, रंग-बिरंगी लोकेशन, मजेदार डायलॉग्स और भरपूर एंटरटेनमेंट मिलेगा—वो भी पूरे परिवार के साथ बैठकर देखने लायक अंदाज़ में। यह फिल्म उन सभी उम्मीदों पर खरी उतरती है।
- Film: Son Of Sardaar 2
- Release Date: 1 अगस्त 2025
- Genre: Comedy, Drama
- Language: Hindi
- Director: विजय कुमार अरोड़ा
- Rating: 3.5/5
बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म "सन ऑफ सरदार 2" आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म 2012 में आई “सन ऑफ सरदार” की सीक्वल है और एक बार फिर दर्शकों के लिए फुल पैसा वसूल फैमिली एंटरटेनमेंट लेकर आई है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस वीकेंड क्या देखा जाए, तो ये फिल्म पूरे परिवार के साथ थिएटर में देखने लायक है।
फिल्म की कहानी: कॉमेडी, ड्रामा और देशभक्ति का मिश्रण
फिल्म की कहानी जस्सी (अजय देवगन) की है, जो अपनी पत्नी नीरू बाजवा को इंग्लैंड से वापस लाने के लिए जाता है। लेकिन वहां नीरू तलाक देने के लिए पहले से तैयार बैठी है। इसी बीच जस्सी की मुलाकात होती है सुख (मृणाल ठाकुर) और उसके पाकिस्तानी परिवार से। सुख का पति उसे छोड़कर चला गया है, और उसकी बेटी एक भारतीय सरदार से प्रेम कर बैठी है।
अब समस्या यह है कि भारतीय सरदार की फैमिली एक पाकिस्तानी परिवार से रिश्ता जोड़ने को कैसे राजी होगी? इस मुश्किल काम को जस्सी को अंजाम देना है। यहीं से फिल्म में कॉमेडी, इमोशन, और देशभक्ति के तड़के के साथ कहानी आगे बढ़ती है।
फिल्म का ट्रीटमेंट: दिमाग घर छोड़कर आइए और दिल खोलकर हंसिए
सन ऑफ सरदार 2 एक नो ब्रेनर फिल्म है – यानी आप दिमाग को रिलैक्स मोड में डालिए और ढाई घंटे बस हंसते रहिए। फिल्म का फर्स्ट हाफ खासकर कॉमिक पंच से भरा हुआ है, जहां एक सीन में "बॉर्डर" फिल्म का संदर्भ देकर दर्शकों को खूब हंसाया जाता है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी असीम बजाज द्वारा की गई है और लोकेशन बेहद खूबसूरत हैं।
इंडिया-पाकिस्तान-चीन एंगल को मजेदार तरीके से दिखाया गया है और जब-जब स्क्रीन पर “हिंदुस्तान जिंदाबाद” के नारे गूंजते हैं, थिएटर तालियों से भर उठता है।
एक्टिंग: मृणाल ठाकुर बनीं सरप्राइज पैकेज, अजय देवगन का करिश्मा बरकरार
अजय देवगन ने अपने चिर-परिचित स्टाइल में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है। स्क्रीन पर उनकी एनर्जी और कॉमिक टाइमिंग देखने लायक है। मृणाल ठाकुर ने इस फिल्म में सबसे ज्यादा इम्प्रेस किया है। उनका किरदार दमदार है और वो अजय के सामने पूरी टक्कर देती हैं। रवि किशन की पंजाबी और बॉडी लैंग्वेज देखने लायक है, वो फिल्म में हास्य का अहम स्तंभ हैं।
मुकुल देव, जिन्हें हमने पिछले दिनों खो दिया, को पर्दे पर देखकर एक इमोशनल जुड़ाव बनता है। विंदू दारा सिंह, नीरू बाजवा, दीपक डोबरियाल, कुबरा सैत, रोशनी वालिया, चंकी पांडे और शरत सक्सेना जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं को बखूबी निभाया है।
डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले: दमदार प्रजेंटेशन
फिल्म का निर्देशन विजय कुमार अरोड़ा ने किया है जबकि राइटिंग मोहित जैन और जगदीप सिद्धू की है। हालांकि फिल्म की मूल कहानी में कोई नई बात नहीं है, लेकिन स्क्रीनप्ले ऐसा है जो दर्शकों को बोर नहीं होने देता। खासकर कॉमिक डायलॉग्स और कैमियो सरप्राइज को बखूबी पेश किया गया है। फिल्म में कैमियो के तौर पर एक सरप्राइज एलिमेंट अंत में आता है, जो दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान छोड़ता है। यह कैमियो न केवल फिल्म का स्तर ऊपर उठाता है बल्कि थिएटर में उत्साह भी भरता है।
फिल्म का म्यूजिक कहानी के साथ अच्छे से मेल खाता है। बीच-बीच में आने वाले गाने फिल्म की गति को नहीं रोकते, बल्कि एंटरटेनमेंट वैल्यू बढ़ाते हैं। बैकग्राउंड स्कोर में देशभक्ति और इमोशन दोनों का अच्छा संतुलन दिखता है।