मलेशिया-थाईलैंड तट के पास म्यांमार से 300 प्रवासी ले जा रही नाव डूब गई। केवल 10 लोग बचे। रेस्क्यू जारी, लेकिन खतरनाक समुद्री मार्ग और देर से सूचना मिलने से अधिकांश लापता हैं।
Malaysia: मलेशिया और थाईलैंड के तट के पास एक बड़ा समुद्री हादसा हुआ है, जिसमें म्यांमार से लगभग 300 प्रवासियों को ले जा रही नाव हिंद महासागर में पलट गई। इस दुखद घटना में सिर्फ 10 लोग ही बच पाए हैं, जबकि बाकी सभी लापता हैं। मलेशियाई और थाईलैंड की रेस्क्यू टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन जल मार्ग पर खतरनाक परिस्थितियों और देर से सूचना मिलने की वजह से बड़ी संख्या में लोग अब तक खोजे नहीं जा सके हैं।
नाव डूबने की घटनाक्रम
मलेशियाई अधिकारियों ने बताया कि नाव म्यांमार के रखाइन राज्य के बुथीदांग शहर से रवाना हुई थी। नाव को ले जाने वाली प्रवासियों की संख्या लगभग 300 थी। तीन दिन पहले यह जहाज समुद्र में पलट गया। जहाज डूबने के तुरंत बाद रेस्क्यू टीम को इस घटना की जानकारी नहीं मिल सकी, जिससे सैकड़ों लोग लापता हो गए। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि खतरनाक समुद्री मार्गों का उपयोग कर प्रवासियों का शोषण करने वाले गिरोह इस क्षेत्र में तेजी से सक्रिय हैं।
बचाव और खोज अभियान

मलेशियाई समुद्री प्रवर्तन एजेंसी ने उत्तरी रिसॉर्ट द्वीप लंगकावी के पास बचाव अभियान शुरू किया। एजेंसी के प्रथम एडमिरल रोमली मुस्तफा ने बताया कि पानी में कई जीवित बचे लोग पाए जाने के बाद अभियान शुरू किया गया। इस दौरान एक म्यांमार की महिला का शव भी समुद्र में तैरता हुआ मिला। बचाए गए लोगों में एक बांग्लादेशी और कई म्यांमार के नागरिक शामिल हैं।
बचाए गए प्रवासी
बचाए गए कुछ लोग रोहिंग्या मुसलमान हैं, जो म्यांमार में दशकों से उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बचाए गए लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता और प्राथमिक देखभाल मुहैया कराई गई। उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की देखभाल की जरूरत है।
खतरनाक समुद्री मार्ग
मलेशिया और थाईलैंड के तट के पास समुद्री मार्ग प्रवासियों के लिए बेहद खतरनाक हैं। समुद्री जहाज और नावें अक्सर अधिक भार उठाती हैं और खराब मौसम या तेज लहरों के कारण पलट जाती हैं। सीमा पार के गिरोह प्रवासियों का शोषण कर उच्च कीमत वसूलते हैं और उन्हें सुरक्षित मार्ग नहीं प्रदान करते। यह घटना फिर से दिखाती है कि अवैध प्रवासन और समुद्री यातायात पर सख्त निगरानी की आवश्यकता है। रोहिंग्या मुसलमान मुख्य रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य में रहते हैं, जहां उन्हें दशकों से उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।













