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Stock Market Today: शेयर बाजार में मजबूती की उम्मीद, मिडल ईस्ट स्थिरता ने बढ़ाया भरोसा

आज एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुख देखा गया, जिसमें जापान का Nikkei 225 सूचकांक सबसे प्रमुख रहा। Nikkei ने 1.65% की जोरदार वृद्धि दर्ज की और करीब पाँच महीने उच्च स्तर पर पहुंच गया, यह पिछले विस्तारित रैली को और मज़बूती प्रदान करता है। 

Stock Market Today: सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में मजबूती के संकेत दिखाई दे रहे हैं। वैश्विक स्तर पर टैरिफ से जुड़ी चिंताओं में राहत, एशियाई बाजारों की तेजी और मध्य पूर्व में तनाव में कमी ने निवेशकों का विश्वास फिर से मजबूत किया है। इसके अलावा, घरेलू मोर्चे पर नए आईपीओ की संभावनाओं और विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़ों ने भी बाजार को नई दिशा देने का काम किया है।

ग्लोबल संकेत

अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरफ से टैरिफ को लेकर नरम रुख अपनाने से वैश्विक निवेशकों को बड़ी राहत मिली है। अमेरिका द्वारा घोषित लिबरेशन डे टैरिफ 8 जुलाई से लागू होने थे, लेकिन अब राष्ट्रपति इनकी समयसीमा को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन के साथ डील की डेडलाइन भी 9 जुलाई से आगे खिसकाई जा सकती है। इन संभावनाओं से वैश्विक व्यापार जगत में अस्थिरता की आशंका कम हुई है और बाजारों में सकारात्मक लहर दौड़ी है।

एशियाई बाजारों की मजबूती से भारत को भी मिला बल

जापान के निक्केई सूचकांक में 1.22 प्रतिशत की मजबूती दर्ज की गई, जिससे यह पांच महीने के उच्चतम स्तर के और करीब पहुंच गया है। वहीं, टॉपिक्स इंडेक्स में भी 1.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। जापान के कोर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में जून के दौरान 3.1 प्रतिशत की सालाना बढ़त हुई, जो अपेक्षाओं से कम रही। इससे यह संकेत मिला कि महंगाई नियंत्रण में है और नीति निर्धारकों को दरों में बदलाव के लिए अधिक लचीलापन मिल सकता है।

दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 भी लगभग 0.4 प्रतिशत की तेजी में बंद हुए। ये सभी संकेत बताते हैं कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के बाजारों में निवेशकों का मूड फिलहाल सकारात्मक है।

अमेरिकी बाजारों का प्रदर्शन

गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखी गई। एसएंडपी 500 सूचकांक 0.8 प्रतिशत की उछाल के साथ 6141.02 पर बंद हुआ, जो अब अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 6147.43 से महज कुछ अंक पीछे है। नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स में 0.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 20167.91 पर बंद हुआ। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी 404.41 अंकों की तेजी के साथ 43386.84 पर बंद हुआ।

हालांकि अमेरिका की आर्थिक स्थिति को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। पहली तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर में 0.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो पहले के अनुमान 0.2 प्रतिशत से ज्यादा है। उपभोक्ता खर्च और निर्यात में कमी इसका प्रमुख कारण रही।

भारतीय बाजार में शुरुआती संकेत

शुक्रवार सुबह 6:35 बजे GIFT निफ्टी फ्यूचर्स में 112 अंकों की बढ़त देखने को मिली और यह 25727 पर कारोबार करता दिखा। इससे साफ संकेत मिलता है कि बाजार में गैप-अप ओपनिंग हो सकती है। यानी बाजार ऊंचे स्तर पर खुलने की संभावना है।

IPO गतिविधियों पर निवेशकों की नजर

भारतीय निवेशकों की निगाहें अब HDB फाइनेंशियल सर्विसेज और इंडोगल्फ डेवलपर्स जैसे बड़े आईपीओ की लॉन्चिंग पर टिकी हुई हैं। इन कंपनियों के संभावित आईपीओ न केवल प्राथमिक बाजार में हलचल पैदा करेंगे, बल्कि निवेशकों की सक्रियता भी बढ़ाएंगे। इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और सेंसेक्स व निफ्टी की दिशा भी प्रभावित होगी।

मध्य पूर्व की स्थिरता से बाजार को राहत

हाल ही में मध्य पूर्व में जारी राजनीतिक तनावों में भी थोड़ी नरमी देखी गई है। खासकर ईरान और इजरायल के बीच चल रहे टकराव की स्थिति फिलहाल थमी हुई नजर आ रही है। इस स्थिरता से अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों में स्थिरता आई है, जो भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए अच्छी खबर है। तेल कीमतों में स्थिरता का सीधा असर भारतीय मुद्रास्फीति और चालू खाता घाटे पर पड़ता है।

विदेशी मुद्रा भंडार और निवेशकों की गतिविधियां भी रहेंगी अहम

20 जून को समाप्त हुए सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े आज जारी हो सकते हैं। अगर भंडार में वृद्धि दर्ज होती है तो यह रुपये की मजबूती और विदेशी निवेशकों के विश्वास को दर्शाएगा। इसके अलावा, संस्थागत निवेशकों की खरीद-बिक्री भी बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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