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सुप्रीम कोर्ट में आज तेलंगाना OBC आरक्षण की कानूनी जंग, कांग्रेस ने कसा मोर्चा

सुप्रीम कोर्ट में आज तेलंगाना OBC आरक्षण की कानूनी जंग, कांग्रेस ने कसा मोर्चा

सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना के 42% OBC आरक्षण पर सुनवाई शुरू होने जा रही है। कांग्रेस सरकार ने इसे बनाए रखने के लिए कानूनी तैयारी तेज की है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुंचे हैं।

Telangana: सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना राज्य में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण से जुड़ी अहम सुनवाई होने वाली है। यह मामला स्थानीय निकाय चुनावों में लागू होने वाले पिछड़ा वर्ग आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका से संबंधित है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह आदेश आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा का उल्लंघन करता है और तेलंगाना पंचायत राज अधिनियम की धारा 285ए के खिलाफ है।

कांग्रेस सरकार का मजबूत रुख

सुनवाई से एक दिन पहले, मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, टीपीसीसी अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़, एआईसीसी तेलंगाना प्रभारी मीनाक्षी नटराजन और उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क सहित सत्तारूढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य पिछड़ा वर्ग के 42 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने के लिए रणनीति तैयार करना था।

टीपीसीसी अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ ने कहा कि पार्टी और राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग आरक्षण को बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मज़बूत मामला पेश करने का संकल्प ले रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वे खुद कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के लिए दिल्ली जाएंगे।

वरिष्ठ नेता कानूनी तैयारी में जुटे

बैठकों के बाद उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर दिल्ली रवाना हुए ताकि सुप्रीम कोर्ट में सरकार के पक्ष को मजबूती से रखा जा सके। सूत्रों के अनुसार, प्रतिवादी के रूप में नामित वरिष्ठ अधिकारी भी जाति सर्वेक्षण और एक सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट समेत सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ दिल्ली गए हैं।

तेलंगाना सरकार का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सिद्धार्थ दवे करेंगे। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मंत्री विक्रमार्क और प्रभाकर यह सुनिश्चित करें कि सरकार का पक्ष पूरी मजबूती के साथ अदालत में पेश किया जाए।

याचिका का विवरण

यह मामला वंगा गोपाल रेड्डी द्वारा दायर किया गया है। याचिका में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा जारी शासनादेश संख्या 9 को चुनौती दी गई है, जो स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह आदेश 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है और पंचायत राज अधिनियम की धारा 285ए के खिलाफ है।

कांग्रेस का दावा

टीपीसीसी अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ ने कहा कि अदालत अनुकूल फैसला देगी क्योंकि तेलंगाना सरकार ने सभी कानूनी प्रावधानों का पालन करते हुए आदेश जारी किया है। उनका कहना है कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण का यह निर्णय संविधान और कानून के तहत किया गया है और सरकार का पक्ष मजबूत है।

सुनवाई से पहले कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग बैठकें कर मामले की रणनीति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली। इसके अलावा, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने भी कानूनी मामलों की बारीकियों को समझने के लिए दिल्ली का रुख किया।

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