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Tariff War: मेक्सिको ने चीन पर लगाया भारी टैक्स, ट्रंप दबाव का असर

Tariff War: मेक्सिको ने चीन पर लगाया भारी टैक्स, ट्रंप दबाव का असर

मेक्सिको ने अमेरिका के दबाव में चीन से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है। यह प्रस्ताव 2026 के बजट में शामिल होगा और कारों, टेक्सटाइल व प्लास्टिक जैसे उत्पादों को प्रभावित करेगा। कदम का मकसद घरेलू उद्योग को सहारा देना, अमेरिकी दबाव को कम करना और सरकारी आमदनी बढ़ाना है।

Tariff War: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम की सरकार ने 2026 के बजट में चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम अमेरिका के दबाव का नतीजा माना जा रहा है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से मेक्सिको से सस्ते चीनी सामान पर रोक की मांग कर रहे थे। कार, टेक्सटाइल और प्लास्टिक जैसे सेक्टर पर असर पड़ सकता है। इससे न केवल घरेलू उद्योग की सुरक्षा होगी, बल्कि मेक्सिको सरकार की आय भी बढ़ेगी और अमेरिका-मेक्सिको व्यापार संबंध मजबूत होंगे।

2026 बजट में शामिल होगा प्रस्ताव

सूत्रों के अनुसार यह प्रस्ताव 2026 के बजट में शामिल किया जाएगा, जिसे 8 सितंबर तक संसद में पेश किया जाना है। इस बजट में चीन से आयात होने वाले सामान पर ऊंचे कर लगाने का प्रावधान रखा गया है। इन टैरिफ का असर खासतौर पर कारों, टेक्सटाइल और प्लास्टिक जैसे उत्पादों पर देखने को मिल सकता है। हालांकि दरें कितनी बढ़ाई जाएंगी, यह अभी साफ नहीं है।

“फोर्ट्रेस नॉर्थ अमेरिका” योजना से जुड़ा कदम

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा मिलकर “फोर्ट्रेस नॉर्थ अमेरिका” नामक योजना पर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य इन तीन देशों की आपसी आर्थिक ताकत को मजबूत करना और चीन पर निर्भरता कम करना है। इस योजना के तहत चीन से आने वाले उत्पादों को सीमित किया जाएगा ताकि घरेलू उद्योगों को सहारा मिल सके।

मेक्सिको के स्थानीय उद्योगों पर चीनी सब्सिडाइज्ड उत्पादों ने दबाव बढ़ा दिया है। खासकर छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग चीनी सामान की कम कीमतों के कारण प्रतिस्पर्धा में पिछड़ रहे हैं। बढ़े हुए टैरिफ से उम्मीद है कि घरेलू उद्योगों को राहत मिलेगी और उन्हें बाजार में टिकने का मौका मिलेगा।

चीनी कार कंपनियों को झटका

इस साल मेक्सिको चीन की गाड़ियों का सबसे बड़ा खरीदार बनकर सामने आया है। लेकिन अगर टैरिफ बढ़े तो चीनी ऑटो कंपनियों के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है। सस्ती चीनी गाड़ियां अब मैक्सिकन बाजार में पहले जैसी मांग नहीं जुटा पाएंगी। इससे स्थानीय कार निर्माता कंपनियों को फायदा होने की संभावना है।

अमेरिका को मिलेगी राहत

अमेरिका को लंबे समय से यह डर था कि चीनी प्रोडक्ट्स मेक्सिको के रास्ते उसके बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। अगर मेक्सिको चीन पर कर बढ़ाता है तो अमेरिका के लिए यह चिंता काफी हद तक कम हो जाएगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन इस फैसले से खुश है और इसे अपने लिए बड़ी कूटनीतिक जीत मान रहा है।

नए टैरिफ से मेक्सिको सरकार की कमाई में इजाफा होगा। अतिरिक्त कर से जो राजस्व मिलेगा, उससे सरकार को अपने बजट घाटे को पाटने में मदद मिलेगी। यह पैसा सार्वजनिक परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास में भी लगाया जा सकता है।

“प्लान मेक्सिको” से निवेश बढ़ाने की तैयारी

सरकार “प्लान मेक्सिको” नामक योजना के जरिए औद्योगिक पार्क और पब्लिक प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ा रही है। इसका मकसद घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है। बढ़े हुए टैरिफ इस योजना को मजबूत करने में मदद करेंगे क्योंकि इससे स्थानीय उद्योगों को सुरक्षा मिलेगी।

संसद में आसानी से पास होगा प्रस्ताव

राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम की पार्टी संसद में दो-तिहाई बहुमत रखती है। ऐसे में इस प्रस्ताव को पास कराने में कोई बड़ी अड़चन नहीं आने वाली है। विश्लेषकों का मानना है कि सरकार इस फैसले को तेजी से लागू कर सकती है।

अमेरिका-मेक्सिको समझौते पर असर

अगले साल अमेरिका और मेक्सिको अपने फ्री-ट्रेड डील की समीक्षा करेंगे। ऐसे में यह कदम बातचीत को आसान बना सकता है। अमेरिका पहले ही चाहता है कि मैक्सिको चीन पर कड़े कदम उठाए। अगर टैरिफ लागू होते हैं तो वॉशिंगटन और मैक्सिको सिटी के बीच रिश्ते और मजबूत हो सकते हैं।

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