Columbus

TCS में पुणे के 2,500 कर्मचारियों की छंटनी को लेकर NITES ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, श्रम मंत्रालय ने जांच के निर्देश दिए

TCS में पुणे के 2,500 कर्मचारियों की छंटनी को लेकर NITES ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, श्रम मंत्रालय ने जांच के निर्देश दिए

TCS पर आरोप है कि पुणे में लगभग 2,500 कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। कर्मचारियों के संगठन NITES ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की। TCS ने कहा कि हालिया कौशल पुनर्गठन से केवल सीमित संख्या प्रभावित हुई है, जबकि NITES ने औद्योगिक विवाद अधिनियम का उल्लंघन होने का दावा किया।

TCS Layoffs: पुणे में TCS द्वारा करीब 2,500 कर्मचारियों को कथित तौर पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगा है। कर्मचारियों के संगठन NITES ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर प्रभावित कर्मचारियों के हितों की रक्षा और तुरंत जांच की मांग की। TCS ने इसे गलत बताया और कहा कि हालिया कौशल पुनर्गठन से केवल कुछ ही कर्मचारी प्रभावित हुए हैं, जबकि NITES ने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

NITES का आरोप और केंद्रीय श्रम मंत्रालय की कार्रवाई

NITES के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने बताया कि संगठन ने प्रभावित कर्मचारियों की शिकायतों को लेकर केंद्रीय श्रम मंत्रालय से संपर्क किया था। मंत्रालय ने इसके आधार पर महाराष्ट्र के श्रम सचिव को जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। NITES ने कहा कि इन निर्देशों के बावजूद, पुणे में लगभग 2,500 कर्मचारियों को पिछले कुछ हफ्तों में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया या उन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। संगठन का कहना है कि प्रभावित कर्मचारी सिर्फ आंकड़े नहीं हैं बल्कि हजारों परिवारों की रीढ़ हैं।

TCS ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि संगठन में हाल ही में लागू की गई कौशल पुनर्गठन पहल से केवल सीमित संख्या में ही कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। कंपनी ने बयान में कहा कि जो लोग प्रभावित हुए हैं, उन्हें उचित सेवामुक्ति भत्ता और देखभाल प्रदान की गई है। इसके अलावा, कंपनी ने जून में अपने वैश्विक कार्यबल में लगभग 12,261 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी, जिनमें ज्यादातर मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारी शामिल थे।

कर्मचारियों की स्थिति और परिवारों पर असर

NITES का कहना है कि प्रभावित कर्मचारी लंबे समय से कंपनी में सेवा दे रहे हैं और उनमें से कई 40 साल से ऊपर के हैं। इन पर मासिक किस्त, बच्चों की फीस, मेडिकल खर्च और बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल की जिम्मेदारी है। संगठन ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों के लिए नए रोजगार का विकल्प ढूंढना आज के प्रतिस्पर्धी बाजार में बेहद कठिन है।

औद्योगिक विवाद अधिनियम का उल्लंघन?

NITES ने आरोप लगाया है कि TCS द्वारा कर्मचारियों को ‘स्वैच्छिक इस्तीफा’ देने के लिए मजबूर करना औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 का उल्लंघन है। संगठन ने कहा कि इस प्रक्रिया में सरकार को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई और कर्मचारियों को वैधानिक छंटनी मुआवजा नहीं दिया गया। NITES ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हों और राज्य के श्रम विभाग को तुरंत जांच करने और कथित अवैध बर्खास्तगी को रोकने का निर्देश दें।

राज्य और संगठन की भूमिका

इस मामले में केंद्रीय श्रम मंत्रालय और महाराष्ट्र के श्रम विभाग की भूमिका अहम मानी जा रही है। NITES का कहना है कि सरकारी हस्तक्षेप से प्रभावित कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है। संगठन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करें ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को न्याय मिले।

Leave a comment