नासिक में HAL के नए उत्पादन केंद्र से तेजस MK-1A की पहली उड़ान सफल रही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक पल को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की नई उड़ान है। नई उत्पादन लाइन से अब सालाना 8 विमान बनेंगे।
Tejas MK-1A: नासिक में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के नए उत्पादन केंद्र से तेजस LCA MK-1A लड़ाकू विमान की पहली उड़ान ने भारतीय रक्षा क्षेत्र में नई उपलब्धि दर्ज की है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। उन्होंने कहा कि पिछले 10–12 सालों में भारत ने रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जिस रफ्तार से आत्मनिर्भरता हासिल की है, वह वाकई अद्भुत है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का दिन न केवल नासिक के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। तेजस MK-1A की इस पहली उड़ान ने भारतीय वायुसेना की ताकत और क्षमता को नई ऊँचाई दी है।
नासिक से सालाना 8 विमानों का उत्पादन
तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन पहले बेंगलुरु में दो संयंत्रों में हो रहा था, जहां सालाना 16 विमान बनाए जाते थे। नासिक उत्पादन केंद्र तीसरी उत्पादन इकाई है, जिसे 150 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से स्थापित किया गया है। इस नई उत्पादन लाइन से सालाना 8 विमान तैयार होंगे।
इससे HAL की उत्पादन क्षमता बढ़कर सालाना 24 विमान हो जाएगी। नई लाइन से तेजस एमके1ए की डिलीवरी भारतीय वायुसेना को तेजी से मिल सकेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह उत्पादन केंद्र आत्मनिर्भर भारत (Self-Reliant India) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजनाथ सिंह का संदेश
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि नासिक केवल आस्था की भूमि ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और रक्षा क्षमता का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि नासिक डिवीजन में तैयार किए गए Sukhoi-30, LCA और HTT-40 विमानों की उड़ान देख कर उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
सिंह ने कहा, 'यह जेट्स भारत की रक्षा शक्ति और टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता की उड़ान का प्रतीक हैं। अब हम वही विमानों और सिस्टम अपने देश में बना रहे हैं, जिन्हें पहले हम विदेश से मंगवाते थे।'
भारत में बनी रक्षा तकनीक
रक्षा मंत्री ने बताया कि अब भारत फाइटर एयरक्राफ्ट, मिसाइल, इंजन और इलेक्ट्रिक वेलफेयर सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरण अपने देश में ही बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र ने पिछले एक दशक में जबरदस्त प्रगति की है।
उन्होंने यह भी बताया कि देश की स्पेस और एयरोस्पेस इंडस्ट्री (Aerospace Industry) तेजी से मजबूत हो रही है। Make in India के अंतर्गत स्थानीय उत्पादन (Local Manufacturing) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे न केवल तकनीकी कौशल विकसित होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
तेजस MK-1A की विशेषताएं
तेजस LCA MK-1A 4.5 पीढ़ी का बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। इसे विशेष रूप से भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमानों की जगह लेने के लिए डिजाइन किया गया है। इस उन्नत संस्करण में बेहतर लड़ाकू एवियोनिक्स (Combat Avionics), हवा में ईंधन भरने की क्षमता और हवाई श्रेष्ठता, जमीनी हमले और समुद्री अभियानों के लिए आवश्यक सुविधाएँ शामिल हैं।
एमके1ए विमान में 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। यह जेट विमान वायु रक्षा, जमीनी हमले, टोही मिशन और समुद्री हमले सहित कई अभियानों के लिए उपयुक्त है।
जमीनी और समुद्री अभियानों में सक्षम
तेजस MK-1A को बहु-भूमिका वाले मिशनों के लिए तैयार किया गया है। यह विमान वायु रक्षा में श्रेष्ठता, जमीनी टारगेट पर सटीक हमले और समुद्री अभियानों में उच्च क्षमता प्रदान करता है। इसमें आधुनिक हथियार प्रणाली और उन्नत पेलोड संयोजन शामिल हैं।