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ट्रंप के बयान पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पीएम मोदी से संसद में मांगा स्पष्टीकरण

ट्रंप के बयान पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पीएम मोदी से संसद में मांगा स्पष्टीकरण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर बड़ा दावा किया है। ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव में कुल पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। 

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे के बाद भारतीय राजनीति में उबाल आ गया है। ट्रंप के इस विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में इस मसले पर स्पष्ट और ठोस स्पष्टीकरण देने की मांग की है। कांग्रेस का आरोप है कि क्या व्यापार समझौते के लिए राष्ट्र के सम्मान से समझौता किया गया?

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति को रोकवाया था और इस दौरान दोनों देशों के कुल पांच लड़ाकू विमान गिराए गए थे। हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने विमान भारत के और कितने पाकिस्तान के गिराए गए। ट्रंप के इस बयान के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस का पीएम मोदी से सवाल- क्या राष्ट्र के सम्मान के साथ समझौता किया गया?

कांग्रेस ने ट्रंप के इस दावे के बाद केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर 'ट्रंप मिसाइल' दाग दी है और हर बार की तरह इस बार भी वही बातें दोहराई गई हैं।

जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में लिखा- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान, दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध को रोका। अगर युद्ध चलता रहता, तो कोई व्यापारिक समझौता नहीं हो सकता था। यानी भारत और पाकिस्तान को अमेरिका के साथ व्यापार के लिए तत्काल संघर्षविराम मानना पड़ा।

कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या भारत सरकार ने व्यापारिक समझौते के लिए राष्ट्रीय सम्मान के साथ समझौता किया? क्या विदेश नीति का संचालन इसी तरह से किया जा रहा है?

कांग्रेस की मांग- पीएम मोदी दें संसद में स्पष्टीकरण

जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि वह इस पूरे मामले में खुद संसद में आकर स्पष्ट और ठोस स्पष्टीकरण दें। उन्होंने कहा कि पिछले करीब 70 दिनों से डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को रोकने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में अब चुप्पी साधे रहना ठीक नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि इस मसले पर सरकार की आधिकारिक स्थिति देश और संसद के सामने आनी चाहिए। यदि ट्रंप के दावे बेबुनियाद हैं, तो सरकार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे साफ तौर पर खारिज करना चाहिए।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने ट्रंप के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि मई महीने में पाकिस्तान की ओर से सीमा पर उकसावे वाली हरकतों के बाद भारत और पाकिस्तान के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) स्तर पर बातचीत के जरिए स्थिति को सामान्य किया गया था।

सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी सैन्य संघर्ष में अमेरिका या किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही। भारत पहले भी स्पष्ट कर चुका है कि भारत-पाकिस्तान के सभी मसले द्विपक्षीय हैं और इसमें तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

मानसून सत्र में होगा हंगामा

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष इस मुद्दे को मानसून सत्र में जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस का कहना है कि अगर सच में ऐसा कुछ हुआ था, तो सरकार को इसकी जानकारी संसद और जनता से छुपानी नहीं चाहिए थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में संसद के भीतर इस मसले पर तीखी बहस हो सकती है। सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा और प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर खुलकर जवाब देने की मांग बढ़ सकती है।

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