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Trump Big Bill: अमेरिकी संसद में पास हुआ ट्रंप का 'बिग ब्यूटीफुल बिल', अब सीनेट की बारी

Trump Big Bill: अमेरिकी संसद में पास हुआ ट्रंप का 'बिग ब्यूटीफुल बिल', अब सीनेट की बारी

अमेरिका के निचले सदन में ट्रंप का 'बिग ब्यूटीफुल बिल' पास हुआ। इससे टैक्स में बदलाव, मेडिकल सहायता में कटौती और प्रवासियों के लिए नियम सख्त होंगे। अब यह सीनेट और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा।

Trump Big Bill: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुचर्चित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' अब कानून बनने की दिशा में आगे बढ़ गया है। यह विधेयक अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पास हो चुका है और अब सीनेट में इसकी अंतिम वोटिंग बाकी है। यह बिल टैक्स, खर्च, स्वास्थ्य बीमा, प्रवासी नीति और फूड स्टैम्प्स जैसी कई प्रमुख योजनाओं को प्रभावित करेगा। आइए समझते हैं कि यह बिल किन-किन वर्गों को फायदा और नुकसान पहुंचा सकता है।

निचले सदन में पास हुआ बिल

'बिग ब्यूटीफुल बिल' को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में वोटिंग के लिए पेश किया गया था। यहां इसे 219 मतों के समर्थन और 213 विरोध के साथ पारित किया गया। अब इसे सीनेट में रखा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद यह राष्ट्रपति के पास साइन के लिए जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।

यह बिल है क्या?

यह एक व्यापक घरेलू नीति विधेयक है जिसमें टैक्स में राहत के साथ-साथ कई कल्याणकारी योजनाओं में कटौती का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें हेल्थ बीमा, फूड स्टैम्प्स, मेडिकल सहायता, प्रवासी अधिकार और सरकारी सब्सिडी को प्रभावित करने वाले प्रावधान शामिल हैं।

हेल्थ बीमा धारकों पर प्रभाव

बिल के पारित होने के बाद मेडिकएड जैसे हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम की पात्रता जांचना अनिवार्य होगा। इसके तहत हर कुछ समय बाद पेपरवर्क की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इस कड़ी प्रक्रिया के कारण 2034 तक अनुमानतः 1.2 करोड़ लोग स्वास्थ्य बीमा से बाहर हो सकते हैं।

ओबामाकेयर पर असर

बिल की शर्तों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों को मिलने वाले फंड में कटौती की जाएगी जिससे कुछ अस्पताल बंद हो सकते हैं या उनकी सेवाएं सीमित हो जाएंगी। बीमा कवरेज प्राप्त करना कठिन हो जाएगा। सब्सिडी पाने के लिए कठोर सत्यापन प्रक्रिया लागू होगी और ऑटो एनरोलमेंट सिस्टम बंद कर दिया जाएगा। इससे लाखों लोग बीमा से बाहर हो सकते हैं।

प्रवासी समुदाय पर असर

यह बिल अप्रवासी वर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। वर्क परमिट, टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस (TPS) और शरण मांगने की प्रक्रिया कठिन हो जाएगी। कोर्ट में अपील करने की फीस बढ़ेगी। इसके साथ ही कई अप्रवासी अब सब्सिडी और सरकारी योजनाओं के लिए अयोग्य माने जाएंगे।

भारतीय प्रवासियों के लिए एक और बड़ी चिंता यह है कि भारत में अपने परिवार को भेजी जाने वाली रकम (Remittance) पर अब 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इससे लाखों प्रवासी भारतीयों की घरेलू आर्थिक सहायता प्रभावित हो सकती है।

फूड स्टैम्प्स पर प्रभाव

बिल के तहत फूड स्टैम्प्स जैसी योजनाओं में भारी कटौती का प्रस्ताव है। इससे अवैध प्रवासी भी प्रभावित होंगे। साथ ही राज्य सरकारों को पहली बार इन योजनाओं की संचालन लागत का कुछ हिस्सा देना होगा।

इसका असर छोटे किराना व्यापारियों पर भी पड़ेगा क्योंकि फूड स्टैम्प्स में कटौती से उनकी बिक्री घट सकती है।

अमीरों को फायदा

जहां गरीब और मध्यम वर्ग पर इस बिल का नकारात्मक असर देखा जा सकता है, वहीं अमेरिका के अमीर नागरिकों को इससे सीधा फायदा मिलेगा।

बिल के मुताबिक, शीर्ष 20 प्रतिशत अमीरों को कुल टैक्स राहत का लगभग 60 प्रतिशत लाभ मिलेगा। इन वर्गों को औसतन 11 लाख रुपये तक की कर राहत दी जाएगी जबकि गरीब वर्ग को केवल 12 हजार रुपये के आसपास का लाभ होगा।

इसके अलावा सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर टैक्स बेनिफिट 2027 तक समाप्त कर दिए जाएंगे जिससे पर्यावरण संबंधित निवेश पर असर पड़ सकता है।

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