अमेरिकी सरकार टिकटॉक को खरीदने का प्लान बना रही है, जिसे नया सॉवरेन वेल्थ फंड क्रियान्वित करेगा। इस कदम से चीन पर दबाव बढ़ाने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश होगी।
Trump Tiktok: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ आर्थिक दबाव बनाने के लिए कई सख्त कदम उठा रहे हैं। इसके तहत उन्होंने अब टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस को खरीदने का प्लान तैयार किया है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य चीन के साथ अमेरिकी व्यापारिक रिश्तों को पुनः परिभाषित करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है।
ट्रंप ने सॉवरेन वेल्थ फंड का किया ऐलान

ट्रंप ने इस योजना के लिए सॉवरेन वेल्थ फंड बनाने का आदेश दिया है, जिसकी कुल राशि करीब 900 बिलियन डॉलर (लगभग 78.37 लाख करोड़ रुपये) हो सकती है। इस फंड का उपयोग टिकटॉक जैसी विदेशी कंपनियों में निवेश करने के लिए किया जाएगा। यह कदम ट्रंप प्रशासन के आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है।
सॉवरेन वेल्थ फंड क्या है?
सॉवरेन वेल्थ फंड एक सरकारी निवेश कोष होता है, जो शेयर बाजार, रियल एस्टेट, और अन्य संपत्तियों में निवेश करता है। पहले सऊदी अरब, चीन, सिंगापुर, नॉर्वे और कतर जैसे देशों के पास सॉवरेन फंड हैं, लेकिन अमेरिका में अब तक ऐसा कोई राष्ट्रीय कोष नहीं था। इस फंड के माध्यम से अमेरिका विदेशी कंपनियों में निवेश कर सकता है और आर्थिक शक्ति को बढ़ा सकता है।
टिकटॉक में हिस्सेदारी क्यों चाहता है अमेरिका?
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि टिकटॉक में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने से अमेरिका अपनी डिजिटल सुरक्षा को मजबूत कर सकता है। टिकटॉक की मालिक चीनी कंपनी बाइटडांस को अमेरिकी कानून के तहत अपना अमेरिकी कारोबार बेचने के लिए कहा जाएगा। अगर अमेरिका ने यह हिस्सेदारी खरीदी, तो इससे चीन पर आर्थिक दबाव भी बनेगा।

अमेरिका के लिए यह फैसला क्यों अहम है?
ट्रंप ने टिकटॉक को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी कि इसे 75 दिनों के भीतर किसी अमेरिकी कंपनी को बेचा जाए। अब अमेरिका इस सॉवरेन फंड के माध्यम से अपनी डिजिटल सुरक्षा और आर्थिक प्रभाव को मजबूत करना चाहता है। यदि यह योजना सफल रही, तो अमेरिका टिकटॉक के अमेरिकी ऑपरेशंस में पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर सकता है, जिससे चीन के खिलाफ दबाव और बढ़ जाएगा।
अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन के अनुसार, सॉवरेन फंड अगले एक साल में शुरू किया जा सकता है। अगर ट्रंप प्रशासन इस फंड का सही इस्तेमाल करता है, तो यह न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि अमेरिका की तकनीकी और डिजिटल कंपनियों के लिए भी अवसर खोलेगा।












